स्वच्छ भारत अभियान कागजों पर नहीं होना चाहिये

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संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने कहा है कि नगरीय निकायों की सर्वोच्च प्राथमिकता स्वच्छ भारत अभियान है। यह अभियान कागजों पर नहीं होना चाहिये, बल्कि इसे धरती पर उतारने के गंभीर प्रयास किये जाने चाहिये। उन्होंने कहा कि उज्जैन संभाग में 66 नगरीय निकायों में से 64 नगरीय निकाय ओडीएफ घोषित किये जा चुके हैं, किन्तु इन नगरीय निकायों को ओडीएफ का दर्जा बनाये रखने के लिये कड़ी मेहनत करना होगी। संभागायुक्त ने कहा कि जैसे अपने घर को स्वच्छ रखते हैं, वैसे ही शहर को स्वच्छ रखने के प्रयास होने चाहिये। स्वच्छ भारत अभियान के लिये जागरूकता बनाये रखना आवश्यक है। नगरीय निकायों में कम्युनिटी टॉयलेट्स की सफाई पर भी ध्यान दिया जाये। नगरीय निकाय के मुख्य नगर पालिका अधिकारी अपने-अपने शहरों के पार्षद एवं जनप्रतिनिधिगणों को विश्वास में लेकर शहर में स्वच्छता बनायें। संभागायुक्त ने यह बात आज स्वच्छ भारत मिशन की एक दिवसीय कार्यशाला में सम्बोधित करते हुए कही।

इसके पूर्व संभागायुक्त श्री एमबी ओझा, नगर निगम आयुक्त डॉ.विजयकुमार जे., संयुक्त आयुक्त श्री प्रतीक सोनवलकर तथा संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन श्री सोमनाथ झारिया ने मां सरस्वती के चित्र के संमुख दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त डॉ.विजयकुमार जे. ने कहा कि नगर निगम एवं नगर पालिकाओं का वर्तमान समय में स्वच्छता पर ध्यान केन्द्रित है। सभी शहर ओडीएफ होना चाहिये। इसके लिये कितनी ही मेहनत क्यों न करना पड़े। स्वच्छता अभियान चलाना अलग बात है, स्वच्छता के पैरामीटर पर खरा उतरने की जिम्मेदारी अलग है। उन्होंने आश्वस्त किया कि उज्जैन नगर पालिक निगम स्वच्छता सर्वेक्षण के मानदण्डों पर अग्रणी होकर उभरेगा।

संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन श्री सोमनाथ झारिया ने बताया कि उज्जैन संभाग के 66 नगरीय निकायों में से 64 नगरीय निकाय ओडीएफ हो चुके हैं। प्रदेश में उज्जैन संभाग अभी शीर्ष स्थान पर चल रहा है। संभाग में केवल दो नगरीय निकाय ऐसे हैं, जो ओडीएफ होना शेष हैं। यह भी शीघ्र ओडीएफ घोषित हो जायेंगे। कार्यशाला में स्वच्छ भारत मिशन के सूचना शिक्षा एवं संचार एक्सपर्ट श्री अंचित वर्मा, आलोक चौबे एवं अमित दुबे ने प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 के स्वच्छता सर्वेक्षण में 73 शहरों का सर्वेक्षण किया गया था। इसमें मैसूर सबसे स्वच्छ शहर घोषित हुआ था। इसी तरह वर्ष 2017 में 434 शहरों का सर्वेक्षण हुआ और इस सर्वेक्षण में इन्दौर प्रथम स्थान पर आया था। वर्ष 2018 के सर्वेक्षण में देश के सभी नगरीय निकाय, जिनकी संख्या चार हजार से अधिक है, शामिल किये जायेंगे।

ओडीएफ सर्टिफिकेट वितरित
संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने कुल छह मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को कार्यशाला में खुले में शौच से मुक्त होने का प्रमाण-पत्र भेंट किया। जिन नगरीय निकायों को यह प्रमाण-पत्र दिया गया, उनमें आलोट, ताल, माकड़ोन, सैलाना व आगर नगर पालिकाएं शामिल हैं।

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