शुभ और अशुभ दो ऐसे शब्द हैं, जिन्हें हम अपने बचपन से अपने अपने घरों में सुन-सुन कर बड़े हुए हैं जिनका कोई आधार है या नहीं यह कहना थोड़ा मुश्कित है लेकिन पीढ़ी दर पीढ़ी इनकी मान्यता बरकरार रहती है। भारतीय ज्यतिषशास्त्र में भी शकुन-अपशकुन से जुड़ी मान्यताएं प्रचलित हैं। जो भविष्य में होने वाली शुभ-अशुभ घटनाओं के बारे में पहले ही संकेतों के माध्यम से सचेत कर देती हैं, अवश्यकता है तो उन्हें समझने की। गरुड़ पुराण के आचार कांड में भी कुछ लक्षण बताए गए हैं, जिनसे जाना जा सकता है की सुबह घर से निकल कर मंजिल तक पहुंचने से पहले क्या अच्छा या बुरा हो सकता है आपके साथ।
- घर से निकल कर कंजक का हंसते हुए दिखना शुभ शकुन है। धन लाभ के योग बनते हैं।
- कोई लड़की पानी से भरा हुआ कलश लेकर जाते हुए दिख जाए तो घर में साक्षात लक्ष्मी का प्रवेश होता है।
- सफाई करते हुए महिला का दिखना बहुत अच्छा संकेत है। धन संबंधी कामों में सफलता के आसार बनते हैं।
- सोलह श्रृंगार किए हुए सुहागन महिला का दिखना महालक्ष्मी के दर्शन के समान है। जिस काम के लिए जा रहे हैं उसमें कभी असफल नहीं होंगे।
- लंबे केश, चौड़े एवं उन्नत ललाट वाली महिला भाग्यवान होती है। ऐसी महिला का पुरूष के जीवन में आना भाग्य के द्वार खोलता है।
- सौभाग्यशाली कन्याओं की आंखों के पोरों में लाली होती है। जब ऐसी कन्या का दर्शन हो जाए तो समझ जाएं सौभाग्य के द्वार खुलने वाले हैं।