PM मोदी-ट्रंप के बीच द्विपक्षीय वार्ता, डिफेंस डील पर लग सकती है मुहर

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों पर व्यापक वार्ता शुरू की जिसमें रक्षा, सुरक्षा, कारोबार एवं निवेश सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग शामिल है। मोदी और ट्रंप द्विपक्षीय वार्ता करने के लिए हैदराबाद हाउस पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच बातचीत का उद्देश्य भारत-अमेरिका वैश्विक साझेदारी को विस्तार देना है।

हैदराबाद हाउस में वार्ता के दौरान दोनों नेता क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा कर सकते हैं जिसमें तालिबान के साथ अमेरिका का प्रस्तावित शांति समझौता, हिन्द प्रशांत क्षेत्र की स्थिति, आतंकवाद के खतरे और खाड़ी क्षेत्र की स्थिति आदि शामिल हैं। मीटिंग में दोनों पक्ष 3 अरब डॉलर के रक्षा सौदे पर मुहर लगाएंगे।

दो दिवसीय भारत यात्रा पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलेनिया का मंगलवार को यहां राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक तरीके से भव्य स्वागत किया गया। राष्ट्रपति के तौर पर भारत की अपनी पहली यात्रा पर आए ट्रंप ने सलामी गारद (गार्ड ऑफ ऑनर देन वाले जवानों का जत्था) का निरीक्षण किया और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर पुष्पांजलि अर्पित की।

उल्लेखनीय है कि अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में आयोजित ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम में सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने घोषणा की थी कि तीन अरब डॉलर कीमत के अत्याधुनिक सैन्य हेलिकॉप्टर और अन्य उपकरणों के लिए मंगलवार को समझौते किये जाएंगे। ट्रंप के साथ उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप, पुत्री इवांका, दामाद जेरेड कुशनर और उनके प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी आए हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच रक्षा और रणनीतिक संबंधों के बारे में कहा था कि अमेरिका भारत को दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ और कुछ शानदार सैन्य उपकरण उपलब्ध कराने को लेकर उत्सुक है।

ट्रंप ने कहा था, ‘हम अब तक के कुछ श्रेष्ठ उपकरण बनाते हैं: विमान, मिसाइलें, रॉकेट, पोत। हम अब भारत के साथ सौदा कर रहे हैं। इसमें उन्नत वायु रक्षा प्रणाली और सशस्त्र तथा बिना शस्त्र वाले एरियल व्हीकल शामिल हैं।’ ट्रंप के उल्लेखित सौदे में भारत द्वारा अमेरिका से 24 MH60 रोमियो हेलीकाप्टर की 2.6 अरब अमेरिकी डालर में खरीद शामिल है। एक अन्य सौदा छह AH 64Eअपाचे हेलिकॉप्टर को लेकर है जो 80 करोड़ डॉलर का होगा।

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