अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी में छिड़ी दावेदारी की जंग जीत ली है। चुनाव आयोग ने सोमवार को उन्हें पार्टी का आधिकारिक राष्ट्रीय अध्यक्ष मान लिया और पार्टी का चुनाव चिह्न ‘साइकिल’ उनके नाम कर दिया। अब समाजवादी पार्टी अखिलेश की होगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने सपा के चुनाव निशान के मुद्दे पर उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह फैसला चुनाव निशान आदेश,1968 के पैरा-15 के आधार पर दिया है, जिसमें बहुमत से फैसला किया जाता है। चुनाव आयोग ने अखिलेश खेमे की दलीलों से सहमति जताते हुए स्पष्ट कर दिया कि वही असली समाजवादी पार्टी है। इस फैसले के बाद अखिलेश समर्थकों में लखनऊ स्थिति पार्टी दफ्तर के बाहर जश्न मनाना शुरू कर दिया। उधर, फैसला आने के बाद अखिलेश ने मुलायम सिंह से उनके घर जाकर मुलाकात भी की।
मुलायम ने जवाब नहीं दिया : आयोग ने कहा कि बार-बार मौका देने के बाद भी मुलायम खेमे ने अपने पक्ष में विधायकों, सांसदों और प्रतिनिधियों के समर्थन के सबूत पेश नहीं किए। उनकी ओर से वकील बस यह कहते रहे कि अखिलेश खेमे का शपथपत्र गलत हैं।