देहरादून। उत्तराखंड में कांग्रेस के 9 बागी विधायक बीजेपी विधायकों के साथ दिल्ली आ गए हैं। संभावना जताई जा रही है कि ये विधायक राष्ट्रपति से मुलाकात कर सकते हैं। गौरतलब है कि हरीश रावत सरकार को बड़ा झटका देते हुए हरक सिंह रावत ने शुक्रवार रात मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। साथ ही जिन विधायकों के राष्ट्रपति से मिलने की संभावना जताई जा रही है इन विधायकों ने शुक्रवार को उत्तराखंड के राज्यपाल केके पॉल से मुलाकात भी की थी।
केजरीवाल भी कूदे-
अब इस मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी कूद पड़े हैं। उन्होंने शनिवार सुबह ट्वीट किया कि अरुणाचल के बाद उत्तराखंड में खरीद-फरोख्त की जा रही है। साबित हो गया है कि बीजेपी सबसे भ्रष्ट, देशद्रोही और सत्ता की भूखी है।
सरकार को कोई खतरा नहीं?
मालूम हो कि हाल ही में पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने हरीश रावत सरकार को अल्पमत में बताते हुए हरीश रावत की बर्खास्तगी की मांग कर डाली थी। लेकिन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उनकी सरकार पर कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा है कि जिन्हें लगता है कि सरकार बहुमत में नहीं है, वह हमारे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएं, हम इसके लिए तैयार हैं।
शुक्रवार को क्या रहा उत्तराखंड विधानसभा का माहौल?
शुक्रवार को उत्तराखंड विधानसभा में बजट पर वोटिंग होनी थी। इस दौरान कांग्रेस के बागी विधायक बीजेपी के साथ खड़े होकर इसपर वोटिंग की मांग करने लगे। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर वोटिंग कराने से इनकार किया और बजट को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इस दौरान सदन में हरक सिंह रावत और मंत्री एमपी नेथानी के बीच हाथापाई की नौबत आ गई थी। कांग्रेसी विधायक गणेश गोदियाल ने बीजेपी पर सरकार गिराने के लिए 5 करोड़ रुपये ऑफर करने का भी आरोप लगाया। विधानसभा में काफी हंगामा होने पर पुलिस को बुलाना पड़ा था।