बधिरांधता से बचने के लिए जागरुक होना पड़ेगा

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उज्जैन  – (ईपत्रकार.कॉम) |बधिरांधता एक समस्या है, अभिशाप नहीं। जागरुक रहकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। यही नहीं उचित समय पर टीकाकरण किया जाए तो इससे बचा भी जा सकता है। यह बात गत दिवस सेंस इंटरनेशनल इंडिया नामक एन.जी.ओ. द्वारा होटल रुद्राक्ष में प्रदेश भर से आए पालकों को जागरुकता प्रशिक्षण में बताई गई।

सेंस इंटरनेशनल इंडिया द्वारा आयोजित इस एक दिवसीय कार्यशाला में ट्रेनिंग आफिसर श्री रश्मिकांत मिश्रा ने पालकों-अभिभावकों को बधिरांधता के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि साईन लेंग्वेज और अन्य विधाओं के जरिए बधिरांधों के जीवन को और अधिक सुगम बनाया जा सकता है। शिशु की कमजोर श्रवण शक्ति का शीघ्र पता लगा कर 07 वर्ष की आयु तक “कॉक्लियर इम्प्लांट” के जरिए उसकी श्रवण शक्ति को बढ़ाया जा सकता है। इस प्रत्यारोपण के लिए राज्य शासन 6 लाख 50 हजार रुपये तक की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराती है। प्रत्यारोपण के बाद स्पीच थैरेपी के माध्यम से बच्चे बोलना भी सीखते हैं। उल्लेखनीय है कि एन.जी.ओ. सेंस विगत 04 वर्षों से मध्य प्रदेश विकलांग सहायता समिति की मदद से उज्जैन जिले और आसपास के क्षेत्रों में बधिरांधता पर निरन्तर कार्य कर रही है।

कार्यशाला में विशेष अतिथि के रुप में डिप्टी कलेक्टर श्रीमती शैली कनास ने राज्य शासन द्वारा दिव्यांगों के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र में प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को मेडिकल बोर्ड द्वारा दिव्यांगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर आवश्यक प्रमाण पत्र एवं सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। दिव्यांगों के डिजिटल परिचय पत्र “यू.डी.आई.डी.” बनाने का कार्य व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। इस आई.डी. के बन जाने पर दिव्यांग-जन सम्पूर्ण भारत में कहीं भी सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता उज्जैन धर्मप्रान्त के विशप स्वामी तथा मध्य प्रदेश विकलांग सहायता समिति के संरक्षक श्री सेबास्टियन बडक्केल ने की। अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में आपने सेंस इंटरनेशनल इंडिया और मध्य प्रदेश विकलांग सहायता समिति द्वारा संचालित गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि इनके द्वारा किए जा रहे संयुक्त प्रयास निश्चित ही सफल होंगे और बधिरांध-जन भी सामान्य व्यक्तियों की तरह अपना जीवन सरलता से व्यतीत कर सकेंगे। कार्यशाला में उज्जैन सहित प्रदेश के भोपाल, राजगढ़, ब्यावरा, शाजापुर और अन्य जिलों से आए पालकों और अभिभावकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में मनोविकास के सह संचालक फादर जोस ने संस्था मध्य प्रदेश विकलांग सहायता समिति के कार्यों और संचालित प्रकल्पों की जानकारी दी और सभी का आभार व्यक्त किया।

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