नरसिंहपुर – (ईपत्रकार.कॉम) |मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति श्री सुशील कुमार पालो ने जिला न्यायालय के अंतर्गत नवीन न्यायालय भवन का भूमिपूजन कर शिलान्यास किया। शिलान्यास कलेक्ट्रेट रोड नरसिंहपुर के समीप मुख्य डाकघर के पीछे शनिवार को किया गया। कार्यक्रम में उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति श्रीमती अंजुली पालो विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थी।
इस अवसर पर जिला न्यायालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में न्यायमूर्ति श्री सुशील कुमार पालो व श्रीमती अंजुली पालो, जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सुरेन्द्र कुमार तुरकर, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री आरबी गुप्ता, कलेक्टर डॉ. आरआर भोंसले, पुलिस अधीक्षक डॉ. मोनिका शुक्ला, अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ श्री रामस्वरूप सिंह पटैल मंचासीन थे। इस मौके पर अन्य न्यायाधीशगण, अधिकारी और अधिवक्तागण मौजूद थे।
कार्यक्रम में संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति श्री पालो ने नवीन न्यायालय भवन के शिलान्यास की शुभकामनायें देते हुए अच्छी गुणवत्ता से भवन के समय पर निर्माण पर जोर दिया। उन्होंने न्यायालय भवन में अच्छी लायब्रोरी की स्थापना का आग्रह अधिवक्ताओं से किया। श्री पालो ने कहा कि समाज के गरीब, अशिक्षित एवं पीड़ितों को आसानी से न्याय सुलभ हो, इसके लिए प्रत्येक अधिवक्ता ऐसे जरूरतमंद गरीब पक्षकारों के दो प्रकरणों में हर वर्ष नि:शुल्क पैरवी करें, इससे न्याय व्यवस्था के प्रति लोगों की आस्था और सुदृढ़ होगी। श्री पालो ने 5 और 10 वर्ष से लंबित प्रकरणों का निराकरण त्वरित गति से करने पर विशेष जोर दिया।
जिला न्यायाधीश श्री तुरकर ने कहा कि आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सर्वसुविधा और आधुनिक तकनीक से युक्त नवीन न्यायालय भवन बनाया जायेगा। यह जिले के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। उन्होंने कहा कि शीघ्र और सुलभ न्याय देने में कोई कसर नहीं रखी जायेगी। उन्होंने पुराने मामले प्राथमिकता से निपटाने के लिए आश्वस्त किया।
पीआईयू के संभागीय अधिकारी ने बताया कि नवीन न्यायालय भवन 1862.28 लाख रूपये की लागत से बनाया जायेगा। यह भवन सर्वसुविधायुक्त और आधुनिक तकनीकों से लैस होगा। इसमें रैन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किया जायेगा। इसमें वाय- फाई और सीसीटीव्ही कैमरे भी लगाये जायेंगे।
जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री पटैल ने कहा कि नवीन न्यायालय भवन जिले के लिए बहुत बड़ी सौगात है। इससे पक्षकारों, अधिवक्ताओं और न्यायालय को सुविधा होगी। उन्होंने संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्य निर्वहन पर भी ध्यान देने पर जोर दिया।