अवैध रूप से सिंचाई के लिए पानी चोरी करने पर होगी सख्त कार्यवाही

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धार- (ईपत्रकार.कॉम) |कलेक्टर श्री श्रीमन् शुक्ला की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में जिला जल उपभोक्ता समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में धार जिले की वृहद सिंचाई योजनाएं मान परियोजना, जोबट परियोजना, माही परियोजना, औंकारेश्वर परियोजना तथा लघु सिंचाई योजनाओं के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही जिले के तालाबों में संग्रहित जल को उपयोग करने पर चर्चा की गई एवं आवश्यक निर्णय लिये गये। बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी तालाबों में पेयजल के लिए आवश्यक जल आरक्षित करने के बाद किसानों को सिंचाई के लिए जल उपलब्ध करवायें। बैठक में अवैध रूप सें सिंचाई के लिए पानी चोरी करने वाले किसानो के पम्प जप्त करने के साथ ही उन पर एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये गये।

ई.ई जल संसाधन विभाग को निर्देशित किया कि जिले की विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं एवं अन्य तालाबों में पेयजल के लिए आरक्षित पानी में से किसी भी किसान द्वारा पानी की चोरी नहीं की जाये यह सुनिश्चित करे। ऐसे किसान जो सिंचाई के लिए पानी लेते है, उनसे सिंचाई शुल्क वसूल किया जाये। जिन किसानो की जमीन तालाब के कमाण्ड क्षेत्र में है उन्हें तालाब/नहर से पानी लेने के लिए स्वीकृति पत्र जारी करे। जिन किसानो की जमीन कमाण्ड क्षैत्र में नहीं है, उन्हें नहर के पानी के भरोसे बुआई नहीं करने के लिए समझाईश दे, ताकि पानी चोरी करने की समस्या उत्पन्न ना हो जिन किसानो के अपने स्त्रोत है वह फसल बोये इसके लिए जल संसाधन विभाग, एमपीईबी, पटवारी एवं कृषि विभाग की टीम जाकर किसानो को समझाईश दे।

बैठक में बताया गया कि वर्ष 2017-18 में रबी फसल हेतु जल संसाधन विभाग अन्तर्गत धार जिले में कुल 69612 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाने का प्रस्ताव है। इस वर्ष धार जिले में अल्पवर्षा होने के कारण लघु सिंचाई जलाशयों में औसतन लगभग 49 प्रतिशत जल संग्रहण हुआ है। बैठक में बताया गया कि विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से 306.765 मि.घ.मी. जल संग्रहित है, जिसमें से 22.411 मि.घ.मी. जल पेयजल हेतु आरक्षित किया गया है। साथ ही दिलावरा व सीतापाट तालाब का पानी धार नगर के लिए आरक्षित कर दिया गया है।

किसान स्प्रिंकलर सिंचाई को प्राथमिकता दे
कम पानी में अधिक क्षेत्र में सिंचाई करने के लिए स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति से सिंचाई की जाती है। किसान कम पानी में अधिक सिंचाई कर पाये इसके लिए किसानो को सलाह दी गई है कि वे इस वर्ष स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति से सिंचाई करे। किसान ऐसी फसलो का ही चयन करे जो कि कम पानी में अच्छी उपज देती है।

बैठक में कार्यपालन यंत्री एवं सचिव जिला उपयोगिता समिति श्री पी.के. खरत, अधीक्षण यंत्री जल संसाधन श्री पी. जोशी, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग मनावर श्री बी.एस. सनकाल, कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री राजीव खुराना, जिले के अनुविभागीय अधिकारी, उपयंत्री एवं संस्था अध्यक्ष सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।

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