फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद का सोमवार को दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में औपचारिक तौर पर स्वागत किया गया. यहां ओलांद ने कहा कि दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन ISIS के खिलाफ लड़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.
ISIS पर निशाना
ओलांद ने कहा, ‘ISIS से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. जैसा कि हमने हाल ही में आपातकाल के दौरान किया था. हम हर संभव कदम उठाएंगे.’ उन्होंने कहा, ‘ISIS से डरने वाला नहीं है फ्रांस. उसका खात्मा करने के पूरी कोशिश करेंगे हम.’ आपको बता दें कि पिछले साल ISIS ने पेरिस में सिलसिलेवार हमले किए थे, जिसमें कई मासूम लोगों की जान चली गई थी. उसके बाद फ्रांस ने ISIS पर हमले और तेज कर दिए थे और देश में आपातकाल लागू कर दिया था.
ओलांद ने कहा कि भारत और फ्रांस हर तरह के खतरे का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद के खिलाफ हमारी ताकत लड़ेगी.’
यहां राफेल डील को आगे की दिशा मिलने की संभावना जताई जा रही थी लेकिन सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि फिलहाल इसपर बात नहीं बन पा रही है. ओलांद ने भारत के लिए रवाना होने से पहले कहा था कि इस डील को लेकर दोनों देश सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
पूरी तरह तैयार नहीं राफेल डील
ओलांद की इस यात्रा में 36 राफेल फाइटर जेट डील पर सभी की निगाहें टिकी हुई थी. लेकिन सूत्रों से जानकारी मिली है कि राफेल डील पूरी तरह से तैयार नहीं है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक देर रात तक पैसों को लेकर चर्चा चलती रही लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका. इस डील पर प्रोटोकॉल एग्रीमेंट होगा. दोनों मुल्कों के बीच यह करीब 60,000 करोड़ रुपये की डील है. फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ करीब 100 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल भी आया है, जिसमें डेसाल्ट एविएशन और डीसीएनएस के अधिकारी शामिल हैं. राफेल फाइटर जेट डेसाल्ट का ही ब्रांड है. बताया जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान राफेल डील के संबंध में दोनों देशों के बीच इंटर गवर्नमेंटल एग्रीमेंट पर दस्तखत हो सकता है.
क्या है राफेल डील?
- फ्रांस को 36 राफेल लड़ाकू विमान भारत को देने हैं, जिसके लिए बातचीत जारी है.
- यह सौदा रक्षा मंत्रालय के लिए सेना के आधुनिकीकरण के लिए बेहद जरूरी है.
- डील सिर्फ पैसे पर अटकी है. फ्रांसीसी कंपनी की कीमत भारत को मंजूर नहीं है.
- विमान दसॉल्ट एविएशन बना रही है और भारत को उसे टेक्नोलॉजी भी देनी है.
- अब दोनों देशों की सरकारें आपस में बात कर रही हैं और डील पक्की मानी जा रही.
राष्ट्रपति भवन में स्वागत
राष्ट्रपति भवन में सुबह करीब 10 बजे ओलांद का औपचारिक और भव्य स्वागत किया गया. भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनका स्वागत किया और इसके बाद उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इस स्वागत से ओलांद काफी अभिभूत हुए. ओलांद ने कहा कि वो गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं.
बापू को दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत के बाद ओलांद राजघाट पहुंचे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. यहां उन्होंने पौधारोपण भी किया
कृषि और अंतरिक्ष पर जोर
फ्रांस्वा ओलांद ने राष्ट्रपति भवन में कहा कि भारत और फ्रांस कृषि और अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपने ‘आर्थिक संबंधों को सुधारने की दिशा में काम करेंगे.’ ओलांद ने कहा, ‘हम भारत और फ्रांस के संबंधों को सुधारने पर जोर दे रहे हैं.’
ओलांद तीन दिन की भारत यात्रा पर रविवार को चंडीगढ़ पहुंचे थे, जहां भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गले लगाकर उनका स्वागत किया था और उन्हें रॉक गार्डन की सैर कराई थी. सोमवार को ओलांद दिल्ली में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे.