उज्जैन का एक भी दिव्यांग मूलभूत सुविधाओं से वंचित नहीं रहेगा – सांसद प्रो.मालवीय

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उज्जैन – ईपत्रकार.कॉम |गुरूवार को उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र के सांसद प्रो.चिन्तामणि मालवीय द्वारा उनके निवास पर 63 दिव्यांगों को मोटराईज्ड ट्रायसिकल वितरित की गईं। ये ट्रायसिकल सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना एवं भारत सरकार की एडीप योजना के अन्तर्गत वितरित की गईं। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री बसन्त कुर्रे, श्री इकबालसिंह गांधी, श्री सत्यनारायण खोईवाल, श्री विक्रमसिंह गोंदिया, श्री अमित श्रीवास्तव, श्री सुरेश गिरी एवं अन्य अतिथिगण मौजूद थे।

सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा पं.दीनदयाल उपाध्याय व मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया गया। बताया गया कि पहले दिव्यांगों को दी जाने वाली सायकल आधुनिक मोटर से लैस नहीं हुआ करती थी, जिस कारण उन्हें हाथ से ट्रायसिकल चलाना पड़ती थी। इससे विशेषकर चढ़ाई वाले मार्गों पर उन्हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता था, लेकिन मोटरचलित ट्रायसिकल से दिव्यांगों को आवागमन में काफी सुविधा हुई है। अब तक उज्जैन में सांसद द्वारा लगभग 100 दिव्यांग बन्धुओं को मोटराईज्ड ट्रायसिकल वितरित की जा चुकी हैं।

कार्यक्रम में श्री सत्यनारायण खोईवाल, श्री विक्रमसिंह गोंदिया, श्री अमित श्रीवास्तव और श्री इकबालसिंह गांधी ने भी अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सरकार को सदैव दिव्यांगों की चिन्ता रहती है। उज्जैन के प्रत्येक दिव्यांग को आगे भी हरसंभव सहायता दी जायेगी। अपर कलेक्टर श्री बसन्त कुर्रे ने कहा कि दिव्यांगों के लिये ये बहुत ही अनूठा आयोजन है। इसके लिये सभी बधाई के पात्र हैं। हाल ही में उज्जैन में एलिम्को की स्थापना हुई है। उज्जैन के अलावा पूरे देश में ऐसे 4 ही केन्द्र हैं, जहां दिव्यांगों के लिये उपकरण बनाये जाते हैं। प्रशासन की ओर से आगे भी दिव्यांगों को हरसंभव सुविधाएं मुहैया कराई जायेंगी।

सांसद प्रो.चिन्तामणि मालवीय ने कहा कि उज्जैन में ऐसा एक भी दिव्यांग नहीं बचना चाहिये, जो मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहे, यही हम सबका प्रयास है। ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किये जाने चाहिये। शासन द्वारा दिव्यांगों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की प्रक्रिया निरन्तर चल रही है। हमारे दिव्यांग बन्धुओं को अक्सर आवागमन में परेशानी आती है। आज जो ट्रायसिकल दिव्यांगों को दी जा रही है, वह एक बार पूरी तरह से चार्ज करने पर 60 किलो मीटर तक चलती है। इसमें कुछ अतिरिक्त जगह भी है, जो कि दिव्यांगजनों के लिये छोटे-मोटे व्यवसाय का साधन भी हो सकती है। हमारा संकल्प है कि सांसद निधि के द्वारा अधिक से अधिक सुविधाएं दिव्यांगजनों को प्रदान की जायें। दिव्यांगजनों की ट्रायसिकल में यदि कोई खराबी आती है तो उसे सुधरवाने के लिये भी स्वेच्छानुदान से सहायता राशि उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जायेगी। सांसद ने हितग्राहियों से अपील की कि वे अपनी ट्रायसिकल के पीछे रेडियम भी लगवायें, ताकि रात्रि में आवागमन करने पर किसी भी तरह की दुर्घटना की संभावना न रहे।

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