नीमच- (ईपत्रकार.कॉम) |मुख्यमंत्री भावांतर योजना के तहत जिले में प्रत्येक ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को एक-एक हजार, तकनीकी प्रबंधक को एक-एक हजार एवं कृषक मित्र, कृषक दीदी को दो-दो सौ किसानों के पंजीयन करवाने का लक्ष्य प्रदान किया गया है। सभी संबंधित हर हाल में किसानों को पंजीयन केन्द्रों, कियोस्क केन्द्रों पर ले जाकर उनका पंजीयन सुनिश्चित करवाएं। पंजीयन कार्य की प्रतिदिन की मॉनिटरिंग कलेक्टर स्वयं करेगें। लक्ष्य के अनुरूप पंजीयन नही करवाने वाले ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। यह निर्देश कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बुधवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में भावांतर भुगतान योजना के तहत किसानों के पंजीयन कार्य की प्रगति की समीक्षा करते हुए दिए। बैठक में उप संचालक कृषि श्री नगीनसिह रावत, सहायक संचालक कृषि श्री संदीप परमार, श्री रमेश चौहान, क्षैत्रीय प्रबंधक श्री आर.पी. नागदा एवं सभी ग्रामीण कृषि विकास विस्तार अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि किसानों का पंजीयन कार्य 19 उपार्जन केन्द्रों के अलावा कृषि उपज मण्डी नीमच, जावद एवं मनासा में भी किया जा रहा है। कृषि विभाग का मैदानी अमला किसानों को प्रेरित कर उनको पंजीयन केन्द्र पर लाकर भावांतर भुगतान योजना के अन्तर्गत पंजीकृत करवाएं। पंजीयन का कार्य 15 अक्टूबर 2017 तक जारी रहेगा। कलेक्टर ने उप संचालक कृषि को निर्देश दिए है कि वे ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों से प्रतिदिन नामजद पंजीयन की प्रगति रिर्पोट प्राप्त कर उन्हे अवगत् कराएं।
बैठक में उप संचालक कृषि श्री नगीन सिंह रावत ने बताया कि जिले में अब तक 5 हजार 839 किसान पंजीयन करवा चुके है। जिले के सभी 25 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को एक-एक हजार के मान से 25 हजार किसानों के पंजीयन का लक्ष्य दिया गया है। जो 15 अक्टूबर 2017 तक पूर्ण करवाना है। उन्होने कहा कि किसान समर्थन मूल्य उपार्जन केन्द्रों और मण्डी नीमच, जावद एवं मनासा के अलावा किसी भी कियोस्क सेन्टर पर भी अपना पंजीयन करवाकर पंजीयन रसीद संबंधित उपार्जन केन्द्र पर मय दस्तावेजों के जमा करवाएं।