किसानों को उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए लागू की है भावांतर भुगतान योजना – कृषि मंत्री श्री बिसेन

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नरसिंहपुर- (ईपत्रकार.कॉम) |प्रदेश के किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा है कि राज्य सरकार किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश के किसानों को खरीफ की उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए भावांतर भुगतान योजना लागू की गई है। कृषि मंत्री ने किसानों से अनुरोध किया है कि वे भावांतर भुगतान योजना का लाभ लेने के लिए अपना पंजीयन 15 अक्टूबर तक करा लें। उन्होंने बताया कि भावांतर भुगतान योजना 8 फसलों तुअर, उड़द, मूंग, सोयाबीन, मक्का, मूंगफली, तिल और रामतिल के लिए लागू की गई है।

श्री बिसेन ने कहा कि नरसिंहपुर जिले में 32 हजार हेक्टर में सोयाबीन की फसलें खराब हुई हैं। सोयाबीन लगाने वाले प्रत्येक किसान को राहत राशि प्रदान की जायेगी। दो हेक्टर से कम वाले किसानों को 15 हजार रूपये प्रति हेक्टर और दो हेक्टर से अधिक भूमि वाले किसानों को साढ़े 13 हजार रूपये प्रति हेक्टर की दर से सहायता राशि दी जायेगी। श्री बिसेन ने कहा कि सांईखेड़ा में शीघ्र मंडी प्रारंभ होगी।

श्री बिसेन नरसिंहपुर जिले के विकासखंड चीचली एवं सांईखेड़ा में आयोजित खंड स्तरीय कृषि संगोष्ठी सह तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रमों में किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने चीचली व सांईखेड़ा में नवीन मृदा परीक्षण प्रयोग शाला भवन और नवीन अनुविभागीय कृषि अधिकारी कार्यालय भवन गाडरवारा का लोकार्पण किया। लोकार्पण के समय कृषि मंत्री ने कहा कि मृदा परीक्षण प्रयोग शालाओं में 22- 22 लाख रूपये की लागत की डबल एएस मशीन उपलब्ध कराई जायेगी, जिससे मृदा के माइक्रो न्यूट्रिएंट की जांच भी हो सकेगी। साथ ही प्रयोग शालाओं को वातानुकूलित भी बनाया जायेगा।

कार्यक्रमों में विधायक गोविंद सिंह पटैल, अपैक्स बैंक के पूर्व उपाध्यक्ष कैलाश सोनी, जिला पंचायत अध्यक्ष संदीप पटैल, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष वीरेन्द्र फौजदार, पूर्व विधायक भैयाराम पटैल, जनपद पंचायत अध्यक्ष चीचली मुकेश मरैया, अन्य जनप्रतिनिधिगण, अपर कलेक्टर जे समीर लकरा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरपी अहिरवार, एसडीएम रानी बंसल, उप संचालक कृषि सलिल धगट, अन्य अधिकारी और बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री श्री बिसेन ने कहा कि संकल्प लेने से ही सिद्धी प्राप्त होती है। राज्य सरकार का संकल्प है कि किसानों की आय को दोगुना किया जायेगा। कृषकों की आय को दोगुना करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि यंत्रों के उपयोग से लागत में कमी आती है, इसलिए सरकार कृषि यंत्रों पर अनुदान उपलब्ध करा रही है। उन्होंने किसान भाईयों से कहा कि कृषि के साथ – साथ पशु पालन, एग्रो फारेस्टी जैसे कार्य भी हाथ में लिये जा सकते हैं।

कृषि मंत्री श्री बिसेन ने कहा कि समर्थन मूल्य पर जिले में किसानों से खरीदी गई मूंग, उड़द और तुअर की शेष राशि जल्द ही प्राप्त होगी। इस संबंध में भोपाल में अधिकारियों को निर्देश जारी किये गये हैं। इस वर्ष मानसून में कम वर्षा होने के कारण किसान भाई रबी सीजन में कम सिंचाई वाली फसलें लगायें। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने किसानों के हित में निर्णय लिया है कि कृषि कार्य करते हुए यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना के तहत 4 लाख रूपये की आर्थिक सहायता मृतक के परिजनों को देने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा अंत्येष्टि के लिए भी 4 हजार रूपये का भी प्रावधान किया गया है।

विधायक गोविंद सिंह पटैल ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के कल्याण के प्रति लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने बिजली की उपलब्धता का जिक्र करते हुए कहा कि एक समय में बिजली की बहुत दिक्कत हुआ करती थी। सिंचाई तो क्या घरेलू बिजली भी नहीं मिल पाती थी, आज सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली मिल रही है। पहले सिंचाई का रकबा 7 लाख हेक्टर था, जो बढ़कर 40 लाख हेक्टर हो गया है। इससे कृषि उत्पादन बढ़ा है। प्रदेश को लगातार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त हो रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने खरीफ सीजन में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए भावांतर भुगतान योजना लागू की है। किसान भाई इस योजना का लाभ उठायें।

जिला पंचायत अध्यक्ष संदीप पटैल ने कृषि संगोष्ठी में कहा कि किसानों ने अपनी मेहनत और परिश्रम से आज देश को खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना दिया है। कभी एक समय ऐसा हुआ करता था कि विदेशों से गेंहूं का आयात करना पड़ता था। वर्तमान में विपरीत मौसम के कारण किसानों की फसलें प्रभावित हुई हैं। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार ने किसानों का दुख – दर्द समझा है और सोयाबीन की फसल खराब होने पर शासन द्वारा राहत प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिले के गन्ना किसानों को बोनस के रूप में अतिरिक्त परामर्श मूल्य दिलाने पर विचार होना चाहिये। श्री पटैल ने वन्य प्राणियों से फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाये जाने की बात कही।

अपैक्स बैंक के पूर्व उपाध्यक्ष कैलाश सोनी ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार अंतिम छोर तक के व्यक्ति के हितों की चिंता कर रही है। सरकार का फोकस गांव, गरीब और किसान पर है। उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसानों के हित में लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय है। बीमा कराने वाले किसानों को फसल की क्षति होने पर नुकसान की भरपाई हो सकेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसान को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिले, इसके लिए खरीफ 2017 से भावांतर भुगतान योजना लागू की है। श्री सोनी ने कहा कि पहले ब्याज की दर अत्याधिक हुआ करती थी, जिसे राज्य सरकार ने कम करते हुए शून्य पर ला दिया है।

संगोष्ठी में कृषि वैज्ञानिकों ने खरीफ की विभिन्न फसलों की नवीनतम किस्मों और आधुनिक तकनीकों के संबंध में जानकारी दी। वैज्ञानिकों ने बताया कि अच्छी उपज के लिए अच्छे बीज का चयन, बीजोपचार संतुलित मात्रा में उर्वरक का उपयोग करेंगे, तो इससे अधिक उपज होगी।

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