कृषि शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार को किताबों तक समिति ना रखें – लखन घनघोरिया

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जबलपुर – (ईपत्रकार.कॉम) |जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में छात्र एवं कृषकों के लिये सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए बतौर मुख्य अतिथि सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री श्री लखन घनघोरिया ने कहा कि कृषि शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार को किताबों तक सीमित ना रखें, बल्कि धरातल पर उतारकर किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कृषि को लाभ का धंधा बनाने हेतु सार्थक प्रयास करें। उन्होंने छात्रों का आव्हान किया कि नौकरी के पीछे भागने की बजाय स्वयं का कृषिजन्य उद्योग स्थापित करे और दूसरों को भी रोजगार देकर प्रेरणास्त्रोत बनें।

समारोह के अध्यक्ष कुलपति डॉं. प्रदीप कुमार बिसेन ने कहा युवा शक्ति ही देश की कृषि का उन्नयन कर सकती है। कृषि छात्र समूह में रोजगारोन्नमुखी उद्योग स्थापित करके कृषि, कृषक और देश की सेवा कर सकते हैं। पूर्व में अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय डॉं. आर.एम. साहू ने स्वागत भाषण में कहा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् नईदिल्ली के निर्देशानुसार अनुसूचित वर्ग के विद्यार्थियों हेतु मानव संसाधन विकास पर सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। शिक्षा के साथ कौशल आज के समय की आवश्यकता है। छात्रों को अर्थव्यवस्था हेतु अधिक कुशल, सक्षम, रोजगार योग्य और संरेखित किया जाए ताकि वे देश की प्रगति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सके। इस दौरान अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉ. धीरेन्द्र खरे, कुलसचिव श्री अशोक कुमार इंगले संचालक शिक्षण डॉ. अभिषेक शुक्ला, अधिष्ठाता कृषि अभियांत्रिकी संकाय डॉं. आर.के. नेमा, संयुक्त संचालक विस्तार डॉं. डी.पी. शर्मा एवं अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉं. अमित शर्मा, डॉ अनय रावत, अतुल खरे मौजूद रहे। इस मौके पर कुलपति डॉं. बिसेन ने मंत्री श्री घनघोरिया को शाल, श्रीफल और प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।

इस सात दिवसीय प्रशिक्षण में जबलपुर, भोपाल, पंजाब के विशेषज्ञों द्वारा मानव संसाधन का विकास के विभिन्न पहलूओं पर व्याख्यान दिए जायेंगे, जिनमें मानव संसाधन विकास की आवश्यकता के लिये व्यक्तित्व विकास और नैतिक मूल्य, संचार और प्रस्तुति कौशल के सिद्वान्त, योग्यता और अनुसंधान पद्धति, उद्यमी नेत्तृव की कुंजी, जीवन कौशल विकास निर्माण, रिज्यूम बनाना, साक्षात्कार हेतु तैयारी, शारीरिक भाषा का विकास तथा पेपर प्रस्तुति के लिये आवश्यक कौशल आदि महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया है।

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