अपने जमाने के बेहतरीन बल्लेबाज जावेद मियांदाद एक बार फिर सुर्खियों में है. उनका कहना है कि क्रिकेट में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है. जो खिलाड़ी फिक्सिंग करे, उसके लिए एक ही सजा है और वह है फांसी. फिक्सिंग से देश की इज्जत खराब होती है. स्पॉट फिक्सिंग के मामले में फांसी की सजा होनी चाहिए, क्योंकि यह हत्या के समान ही एक बड़ा अपराध है.
62 साल के इस पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर ने अपने यूट्यूब चैनल पर ताजा वीडियो में कहा कि जो भी क्रिकेटर इस खेल में फिक्सिंग करता है, वह अपने घरवालों के साथ भी धोखाधड़ी करता है. ऐसे लोग अपने परिवार के भी नहीं हो सकते.
जावेद मियांदाद ने कहा कि फिक्सिंग में शामिल क्रिकेटरों को सख्त सजा देनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘क्रिकेट तो एक खेल है… इससे तो लोग खुशियां बांटते हैं. पाकिस्तान ने वर्ल्ड कप जीता, हमने छक्का मारा..उसकी खुशियां आज मुझे है ना… पीसीबी गलत है, किसी को माफ नहीं करना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘फिक्सिंग करके पैसे बनाए, और निकल लिये और फिर सोर्स लगाया.. माफ कर दो. कोई गलती करेगा तो माफी मांगेगा ना. इसलिए बोर्ड को उदाहरण पेश करना चाहिए.’
मियांदाद ने कहा, ‘एक आदमी ने कत्ल किया, उसकी सजा कत्ल है, क्रिकेट को इस तरीके से लें. सऊदी में क्या होता है… चोरी करने पर हाथ काट दो.. उसके बाद दुनिया देखेगी, इससे सीख लेगी. जिससे इंसानियत को नुकसान पहुंचे, उस आदमी को इस दुनिया में रहने का कोई हक नहीं है.’
गौरतलब है कि पाकिस्तान के खिलाड़ियों पर लगातार फिक्सिंग के आरोप लगते रहे हैं. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) इन मामलों को निपटाने में कामयाब नहीं हो पाया है. दरअसल, पाकिस्तान क्रिकेट टीम के सीनियर ऑलराउंडर मोहम्मद हफीज ने बहस छेड़ दी थी कि जो खिलाड़ी क्रिकेट में भ्रष्टाचार का दोषी पाया जाता है, उसे पाकिस्तान क्रिकेट टीम में फिर से आने की इजाजत देनी चाहिए.