कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में रात दिन एक कर दिए हैं डॉक्टर प्रजापति ने

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रतलाम जिले में कोरोना से लड़ाई में नागरिकों के साथ शासकीय अमला जी-जान से जुटा है। इन सबमें भी जिला चिकित्सालय के डॉ. प्रमोद प्रजापति एक मिसाल है। डॉक्टर प्रजापति कोरोना से लड़ाई में प्रथम दिन से ही एक सशक्त योद्धा के रूप में जुटे हुए हैं। वे कोरोना के विरुद्ध एक्शन प्लान की प्रमुख धुरी बने हैं जिनके माध्यम से जिला चिकित्सालय में कोरोना के विरुद्ध वृहद रूप से गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।

कोरोना से लड़ाई में डॉक्टर प्रजापति द्वारा दिन-रात एक कर दिए गए हैं। वह पब्लिक हेल्थ में पीएचडीधारक होकर जिला चिकित्सालय में एपीडर्मोलाजिस्ट तथा जिला मलेरिया अधिकारी हैं। कोरोना संबंधी संभावित मरीजों की कॉन्ट्रैक्ट हिस्ट्री लेकर उसके कारणों की पड़ताल भी उनके द्वारा की जा रही है। मरीजों को भर्ती कराने से लेकर अन्य नए व्यक्तियों में संक्रमण का प्रवेश नहीं हो, इसके लिए वे जी-जान से जुटे हुए हैं। दिन-रात ढेरों फोन कॉल आने की वजह से डॉक्टर प्रजापति को अपना मोबाइल लगातार रिचार्ज करते रहना पड़ता है।

कोरोना से लड़ाई में डॉक्टर प्रजापति की व्यस्तता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि वे मात्र 2 या 3 घंटे ही नींद ले पा रहे हैं। भोजन भी दिन भर में एक बार ही हो पाता है। रात को कोरोना संबंधी विभिन्न कार्य करते-करते जब नींद आ जाती है और सुबह जब उठते हैं तब फिर से काम पर आ जाते हैं। उनके प्रमुख कार्यों में कोरोना संबंधी रिकॉर्ड चेक करना, सुबह उठकर विभिन्न शासन स्तरों पर रिपोर्टिंग तैयार करके भेजना, जिला चिकित्सालय ओपीडी से डाटा कलेक्शन करवाना, डाटा का अध्ययन करना कोरोना संदिग्ध प्रकरणों में सैंपल कलेक्शन करवाना, मरीजों की स्क्रीनिंग करवाना, जैसे ढेरों काम उनकी दिनचर्या में सम्मिलित है जो बगैर थके करते जाते हैं। पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ की जानकारी लेना, रैपिड रिस्पांस टीम से रिपोर्ट प्राप्त करना, मोबाइल मेडिकल टीम से रिपोर्ट प्राप्त करना, कांटेक्ट ट्रेसिंग की जानकारी प्राप्त करना भी उनके महत्वपूर्ण कार्यों में सम्मिलित है।

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