चैत्र नवरात्रि 25 मार्च से, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

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नवरात्र वर्ष में चार बार आते हैं. ये माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन में होते हैं. नवरात्रि से वातावरण के तमस का अंत होता है और सात्विकता की शुरुआत होती है. मन में उल्लास, उमंग और उत्साह की वृद्धि होती है. दुनिया में सारी शक्ति, नारी या स्त्री स्वरूप के पास ही है, इसलिए इसमें देवी की उपासना ही की जाती है.

नवरात्रि के प्रथम दिन देवी के शैलपुत्री स्वरुप की उपासना की जाती है. इनकी उपासना से देवी की कृपा तो मिलती ही है. साथ में सूर्य भी काफी मजबूत होता होता है. सूर्य संबंधी जैसी भी समस्या हो आज के दिन दूर की जा सकती है. इस बार नवरात्रि का प्रथम दिन 25 मार्च को होगा.

नवरात्रि के और कलश स्थापना के नियम क्या हैं?

– नवरात्रि में जीवन के समस्त भागों और समस्याओं पर नियंत्रण किया जा सकता है

– नवरात्रि के दौरान हल्का और सात्विक भोजन करना चाहिए

– नियमित खान पान में जौ और जल का प्रयोग जरूर करना चाहिए

– इन दिनों तेल, मसालाऔर अनाज कम से कम खाना चाहिए

– कलश की स्थापना करते समय जल में सिक्का डालें

– कलश पर नारियल रखें और कलश पर मिट्टी लगाकर जौ बोएं

– कलश के निकट अखंड दीपक जरूर प्रज्ज्वलित करें

कलश स्थापना का मुहूर्त क्या है?

– कलश की स्थापना चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को की जाती है

– इस बार प्रतिपदा तिथि 25 मार्च को है

– लेकिन प्रतिपदा सायं 05.26 तक ही है

– इसलिए कलश की स्थापना सायं 05.26 के पूर्व कर ली जाएगी

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