जिला प्रशासन किसानों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है-कलेक्टर

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जबलपुर – ईपत्रकार.कॉम |कलेक्टर महेशचन्द्र चौधरी ने आज जिले की पाटन, शहपुरा तथा जबलपुर मण्डी में पहुंचकर मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के अन्तर्गत कृषि उपज के खरीदी कार्य का निरीक्षण किया। पाटन और शहपुरा मण्डी में अव्यवस्थाओं को लेकर कलेक्टर ने सख्त नाराजगी जाहिर की और सम्बन्धित अधिकारियों से कैफियत तलब की। श्री चौधरी ने साफ किया कि जिला प्रशासन किसानों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

पाटन मण्डी में श्री चौधरी ने व्यापारियों और किसानों से चर्चा की तथा उड़द खरीदी की दर की बाबत् दरयाफ्त किया। भावान्तर योजना में रजिस्टर्ड किसानों की उपज के पृथक् ढेर लगाए जाने और उनकी उपज की तुलनात्मक रूप से कम दर दिए जाने की स्थिति से खफा कलेक्टर ने समान रूप से ढेरियां लगवार्इं और अपने सामने ही बोली लगवाई। नतीजतन व्यापारियों ने बढ़-चढ़ कर बोली लगाई और पूर्व में चल रही 2200 रूपए की बोली की तुलना में तीन हजार रूपए से अधिक की बोलियां लगीं। कलेक्टर ने आगाह किया कि ढेरी लगाने में किसी भी प्रकार का विभेद न किया जाए। इस मामले में उन्होंने मण्डी सचिव के खिलाफ निलम्बन की कार्यवाही प्रस्तावित किए जाने के भी निर्देश दिए।

निरीक्षण के बाद श्री चौधरी ने मण्डी बोर्ड के आंचलिक कार्यालय के अधिकारियों द्वारा किसानों को 50 हजार रूपए तक का भुगतान नगद किए जाने की जानकारी सम्बन्धितों को नहीं देने को लेकर अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने ताकीद की कि जिले की मण्डियों में तत्काल प्रभाव से व्यवस्थाएं सुधारी जाएं। श्री चौधरी ने एसडीएम पी.के.सेनगुप्ता, तहसीलदार शैलेष द्विवेदी और पाटन की अनुविभागीय अधिकारी (कृषि) को निर्देशित किया कि किसानों को भावान्तर योजना का लाभ मिलना सुनिश्चित किया जाए। शत-प्रतिशत पंजीयन नहीं होने को लेकर श्री चौधरी ने एसडीओ (कृषि) से भी जवाब तलब किया।

शहपुरा मण्डी में गतिरोध दूर किया
कलेक्टर श्री चौधरी खरीदी कार्य से जुड़े इंतजामों की पड़ताल के लिए शहपुरा मण्डी भी पहुंचे। यहां व्यापारियों द्वारा केवल 10 हजार रूपए ही नगद भुगतान किए जाने के चलते गतिरोध की स्थिति थी और खरीदी कार्य नहीं हो रहा था। कलेक्टर ने व्यापारियों से चर्चा कर उन्हें अवगत कराया कि 50 हजार रूपए तक नगद भुगतान किए जाने के सम्बन्ध में आरबीआई की गाइड लाइन्स प्राप्त हो चुकी हैं। उन्होंने मण्डी बोर्ड के प्रबंध संचालक से भी टेलीफोन पर चर्चा की और आयकर विभाग का सम्बन्धित परिपत्र भी उपलब्ध कराने का आग्रह किया। श्री चौधरी की समझाइश पर व्यापारी सहमत हुए। तदुपरान्त श्री चौधरी ने किसानों से देर तक बातचीत की। उन्होंने कहा कि गाइड लाइन्स के मुताबिक 50 हजार रूपए तक की राशि का नगद भुगतान किया जाएगा तथा शेष राशि आरटीजीएस के जरिए खाते में चली जाएगी। श्री चौधरी ने किसानों को आश्वस्त किया कि मण्डी एक्ट के मुताबिक ही खरीदी होगी तथा मण्डी सचिव सम्बन्धित नियमों को लागू कराने के लिए जिम्मेदार होंगे। कलेक्टर ने मण्डी सचिव को सख्त ताकीद की कि वे यह सुनिश्चित करें कि किसान नाहक परेशान न हों। श्री चौधरी ने व्यापारियों से भी सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि वे न्यायसंगत रूप से बोली लगाएं। कलेक्टर ने आगाह किया कि बोली में हिस्सा न लेने वाले व्यापारियों के लायसेंस रद्द करने की कार्यवाही की जाएगी।

जबलपुर मण्डी का भी निरीक्षण
इसके पूर्व श्री चौधरी ने जबलपुर मण्डी में भी खरीदी प्रक्रिया का निरीक्षण किया। यहां खरीदी का काम व्यवस्थित रूप से चल रहा था। कलेक्टर ने किसानों से बातचीत भी की और उन्हें कहा कि छनाई करके उपज लाने पर वे बेहतर दाम हासिल कर सकेंगे। कलेक्टर ने मण्डी प्रबंधन को भावान्तर योजना के और व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए ताकि कोई किसान योजना के लाभ से वंचित न रहे। इस दौरान मण्डी अध्यक्ष राजाबाबू सोनकर भी मौजूद थे।

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