नर्मदापुरम् संभाग कमिश्नर श्री उमाकांत उमराव ने स्कूली बच्चों से कहा कि कोई भी बात दूसरों तक आसानी से पहुंचाने के लिए भाषा सीखना आवश्यक है। जीवन में सफल होने के लिए शरीर व मन के बीच संतुलन होना आवश्यक है। बिना शरीर व मन के संयुक्त प्रयास के जीवन में संतुलन नहीं आ सकता है। कमिश्नर श्री उमाकांत उमराव शनिवार को मिल बांचे म.प्र. अभियान के तहत होशंगाबाद के ग्राम रायपुर के माध्यमिक शाला के विद्यार्थियों के बीच पहुंचे थे।
कमिश्नर ने स्कूली बच्चों को कहा कि वे प्रतिदिन किताब पढ़ने की आदत डाले इस आदत से जीवन में एक अच्छा मुकाम बनाया जा सकता है। उन्होंने बच्चों को सीख दी कि वे पढ़ाई के साथ-साथ थोड़ा समय खेल के लिए भी निकालें। उन्होंने बच्चों को विभिन्न विषयों की ज्ञानवर्धक किताबें भी भेंट की और कहा कि सभी बच्चे एक माह में यह किताब पढ़ लें। उन्होंने कहा कि वे और भी किताबें बच्चों को उपलब्ध कराएगें कमिश्नर ने कक्षा 6वीं से लेकर 8वीं तक के बच्चों को ज्ञानवर्धक शिक्षाप्रद, व प्रेरणादायी कहानी सुनाकर बच्चों का उत्साह वर्धन किया और उन्हें प्रेरित किया कि वे जीवन में हमेशा आगे बढ़ने व जीवन के लिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कृत संकल्पित हों।
श्री उमराव सर्वप्रथम कक्षा 7वीं में पहुंचे उन्होंने बच्चों से उनकी पसंदीदा विषय के बारे में जानकारी ली उन्होंने बच्चों को संस्कृत भाषा के धातु रूप के बारे में बताया और कहा कि लगभग 97 प्रतिशत भाषाओं का मूल आधार संस्कृत है। उन्होंने बच्चों को उच्चारण, वर्णमाला से सम्बधित जानकारी दी। कमिश्नर ने कक्षा 6वीं के छात्र-छात्राओं को शुद्ध लेखन का अभ्यास करने की समझाइश दी। उन्होंने शिक्षकों को भी निर्देशित किया कि वे सप्ताह में एक दिन बच्चों से शुद्ध लेखन करवाएं इससे बच्चों की लेखनी शुद्ध होगी। कमिश्नर ने कक्षा 8वीं के विधार्थियों को प्रेरक पुस्तकें पढ़ने की समझाइश दी। कमिश्नर ने बच्चों को मन और बुद्धि में संतुलन रखने की समझाइश दी। कमिश्नर ने कहा कि वे पुन: एक बार मा.शाला आकर फॉलोअप लेगें।
मिल बांचे म.प्र. कार्यक्रम के अवसर पर एस.डी.एम. श्री मनोज उपाध्याय, सहायक कलेक्टर श्री स्वप्निल वानखेड़े, तहसीलदार राजेश बौरासी, प्राचार्य रत्ना जैन और शिक्षकगण मौजूद थे।