पठानकोट पहुंची पाक की जांच टीम, एयरबेस के बाहर नारेबाजी

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नई दिल्ली। पंजाब के पठानकोट में हुए आतंकी हमले की जांच के लिए पाकिस्तान से आई जांच टीम मंगलवार को पठानकोट पहुंच गई है। जांच टीम सुबह बीएसएफ के हेलिकॉप्टर से दिल्ली से पठानकोट के लिए रवाना हुई थी जहां से उसे सड़क के रास्ते एयरबेस ले जाया गया। जांच टीम के साथ एनआईए और वायुसेना के अधिकारी भी साथ है।

पाक जांच टीम को संवेदनशील जगहों पर जाने की इजाजत नहीं

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि जांच टीम सिर्फ हमला के दौरान हुए मुठभेड़ वाली जगह पर जा पाएगी, एयरबेस के संवेदनशील जगहों पर नहीं। वे लोग जहां मुआयना करने जाएंगे, उन हिस्सों की चारों तरफ से घेराबंदी कर दी गई है। टीम को सभी गवाहों तक पहुंच मुहैया कराने के लिए भारत योजना बना रहा है।

इसके बावजूद उन्हें एनएसजी या बीएसएफ के सुरक्षाकर्मियों तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा। पंजाब पुलिस के एसपी सलविंदर सिंह, उनके दोस्त राजेश वर्मा, रसोइया मदन गोपाल और 17 अन्य घायल लोग गवाहों की लिस्ट में हैं। पाकिस्तानी जांच टीम के मांग करने पर उन्हें बामियाल बॉर्डर पर ले जाया सकता है। गौरतलब है कि पठानकोट हमले की जांच के लिए पाकिस्तान ने एक इन्वेस्टीगेशन टीम भारत भेजी है।

एयरबेस के बाहर हो रही है नारेबाजी

पाकिस्तानी जांच टीम में पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक ऑफिसर के शामिल होने के चलते कांग्रेस, आम आदमी पार्टी तथा अन्य विपक्षी दल सरकार का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस तरह मोदी सरकार पाक सरकार को क्लीन चिट दे रही है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ”आश्चर्यजनक है कि भारत सरकार ने दोषियों को ही जांच की इजाजत दे दी है।”

एनआईए ने सौंपे सबूत

पाकिस्तान की संयुक्त जांच टीम सोमवार को एनआईए दफ्तर पहुंची। यहां भारत ने हमले से जुड़े सबूत पाक को सौंपे। इस बीच पाकिस्तान ने पंजाब पुलिस के कुछ अफसरों के बैंक अकाउंट और एसपी सलविंदर का सर्विस रिकॉर्ड मांगा। सलविंदर को आतंकियों ने कार के साथ किडनैप कर लिया था।

आतंकियों के वाइस सैंपल की मांग करेंगे

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पाकिस्तान को एयरबेस हमले में मौलाना मसूद अजहर के संगठन जैश-ए-मोहम्मद के शामिल होने का सबूत सौंपेगा। भारत मौलाना मसूद और जैश-ए-मोहम्मद के अन्य आतंकियों के वाइस सैंपल देने को कहेगा। जिससे साबित होगा कि हमले में उनका हाथ था।

एनआईए के सूत्रों के मुताबिक, हमले के वक्त अजहर अपने भाई जैश-ए-मोहम्मद के सुप्रीम कमांडर रऊफ असगर के संपर्क में था। रऊफ असगर उस समय हमले का मास्टमाइंड और प्लानर कासिफ जान के संपर्क में था।

 

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