उत्तर कोरिया ने मंगलवार को जापान के ऊपर से मिसाइल दागकर इलाके में तनाव बढ़ा दिया है. यह मिसाइल 2700 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए उत्तरी प्रशांत महासागर में जाकर गिरी | विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर कोरिया ने अपने आक्रामक रवैये से अमेरिका और उसके करीबी सहयोगी को स्पष्ट कर दिया है कि वॉर गेम में वह पीछे नहीं हटेगा |
कई वर्षों से उत्तर कोरिया की कोई मिसाइल जापान के ऊपर से नहीं गई थी। इसके अलावा पिछले माह ही उत्तर कोरिया ने दो अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (आईसीबीएम) का प्रक्षेपण किया था। ऐसा लगा था कि यह प्रक्षेपण अमेरिकी भूभाग को मिसाइल की जद में लाने के लिए किया गया था।
इसके अलावा उत्तर कोरिया ने अमेरिका के गुआम की ओर अंधाधुंध मिसाइलें दागने की धमकी दी थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया को जवाबी कार्रवाई के प्रति आगाह करते हुए कहा था कि वाशिंगटन के हथियार तैयार हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद उत्तर कोरिया पर सातवीं बार प्रतिबंध लगा चुकी है जिनके तहत उसके निर्यात और देश में निवेश पर शिकंजा कस दिया गया।
हाल ही में तनाव थोड़ा कम हुआ था लेकिन दक्षिण कोरिया के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा कि सोमवार को अंतरराष्ट्रीय समयानुसार, 20 बज कर 57 मिनट पर प्योंगयांग के समीप से मिसाइल का प्रक्षेपण किया गया जो पूर्वी हिस्से से होती हुई जापान के आगे तक गई।
बयान के अनुसार, यह मिसाइल लगभग 550 किमी की अधिकतम ऊंचाई पर करीब 2,700 किमी तक गई और दक्षिण कोरिया तथा अमेरिका अन्य ब्यौरों के लिए इंतजार कर रहे हैं।
इसमें आगे कहा गया है कि हमारी सेना के पास उत्तर कोरियाई सेना के उकसावे के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता है और यह पूरी सैन्य तैयारी के साथ संबंधित घटनाक्रम पर गहराई से नजर रख रही है। राष्ट्रपति कार्यालय ने बताया कि दक्षिण कोरिया सुरक्षा परिषद की एक बैठक बुलाई गई है। गुआम, उत्तर कोरिया से करीब 3,500 किमी दूर है।
टोक्यो ने यह भी कहा कि मिसाइल उसके भूभाग के ऊपर से गई। प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि सरकार जापानी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
सरकार के प्रमुख प्रवक्ता योशीहिदे सुगा ने कहा कि मिसाइल ने जापान के लिए सुरक्षा संबंधी गंभीर और गहरा खतरा पेश किया है।