मुक्केबाजों को सिर्फ ट्रायल्स में नहीं, हर वक्त सर्वश्रेष्ठ रहना होगा : नीवा

0

भारतीय मुक्केबाजी के हाई परफोरमेंस निदेशक सांटियागो नीवा बदली हुई चयन नीति से हुई निराशा से भली भांति वाकिफ हैं लेकिन उन्हें उम्मीद है कि अच्छे प्रदर्शन से वह आलोचकों को चुप करने में सफल रहेंगे। भारतीय मुक्केबाजी की चयन प्रक्रिया में कुछ बदलाव हुआ जिसमें पारपंरिक ट्रायल्स को एकमात्र मानदंड नहीं रखा गया है। अगले महीने होने वाले एशियाई खेलों जैसे बड़े टूर्नामेंट की टीम चयन के लिये रैंकिंग प्रणाली, मुक्केबाजों के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं तथा राष्ट्रीय शिविर में प्रदर्शन को आधार बनाया गया।

नीवा ने कहा, ‘‘निराशाएं तो हमेशा लगी रहती हैं लेकिन इससे निपटना होता है। सबसे आसान चीज यही होगी कि सभी वजन वर्गों में ट्रायल कराया जाये। लेकिन मेरा मानना है कि एक मुक्केबाज के प्रदर्शन पर कुछ निश्चित समय तक आकलन करने की प्रणाली ‘सही होगी’। ’’ विश्व कांस्य पदकधारी गौरव बिधुड़ी (56 किग्रा) और राष्ट्रमंडल खेलों के पूर्व रजत पदकधारी मंदीप जांगड़ा (69 किग्रा) उन मुक्केबाजों में शामिल थे जिन्हें ट्रायल्स के बिना ही एशियाई खेलों के लिये चुनी टीम से बाहर कर दिया गया।

अर्जेंटीना में जन्में इस स्वीडिश कोच ने कहा, ‘‘सबसे कठिन चीज व्यक्तिगत निराशाओं से निपटना था लेकिन यह मेरा काम है कि कोई भी खेल में जारी रखने के लिये हताश नहीं हो। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनसे नियमित रूप से बात करता हूं, उन्हें बताता हूं कि उन्हें सिर्फ ट्रायल में ही नहीं बल्कि हर वक्त सर्वश्रेष्ठ रहना क्यों जरूरी है। इस तरह से मैं उनसे बेहतर प्रदर्शन करा सकता हूं। ’

Previous article5 जुलाई 2018 गुरुवार, पंचांग एवं शुभ मुहूर्त
Next articleअगर आप भी सरकारी नोकरी करना चाहते है तो यहां निकली है 900 से ज्यादा सरकारी नौकरियां