शरणार्थियों से पहले भारतीय अल्पसंख्यकों और दलितों पर ध्यान दे सरकार-ओवैसी

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सीएए मामले को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सलाह दी कि वे पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के बजाय अपने देश के अल्पसंख्यकों और दलितों पर ध्यान दें।

यहां पेडापल्ली में एक सार्वजनिक बैठक में ओवैसी ने दावा किया कि संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) बी आर अंबेडकर द्वारा लिखित संविधान की भावना के खिलाफ है। हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने कहा, ‘जिन लोगों ने आपको (मोदी) वोट दिया वे भारतीय हैं। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के लोगों ने आपको वोट नहीं दिया है। लेकिन मोदी को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों की परवाह है। उन्हें भारत के अल्पसंख्यकों और दलितों की चिंता नहीं है।’

ओवैसी के अनुसार सीएए सिर्फ मुसलमान-विरोधी ही नहीं बल्कि दलित-विरोधी भी है । उन्होंने कहा कि वह पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं हैं लेकिन लोगों को धर्म के आधार पर विभाजित करना स्वीकार्य नहीं है।

उन्होंने दावा किया कि इस बात की पूरी संभावना है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के तहत, लोगों को आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, चुनावी कार्ड और माता-पिता की जन्म तिथि जैसे पहचान दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए परेशान किया जाएगा। केंद्रीय गृहराज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने हाल ही में कहा था कि एनपीआर के लिए किसी दस्तावेज को प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं है।

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