उज्जैन- (ईपत्रकार.कॉम) |आज के दौर में हर क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का बोलबाला है। निजी से लेकर शासकीय संस्थानों ने अपने यहां इस तकनीक को अपनाकर हाईटेक बन रहे हैं। यह जरूरी भी है और समय की मांग भी। ऐसे में विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिये पुरानी परम्पराओं को छोड़कर आधुनिक तकनीक के माध्यम से शिक्षित करना बेहद जरूरी हो गया है। इससे पढ़ाई और भी रोचक और मजेदार बनती है और बच्चे पूरा मन लगाकर उसे समझते भी हैं और आत्मसात भी करते हैं।
मंगलवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर शहर के तीन शासकीय विद्यालयों के बच्चों को स्मार्ट क्लास रूम की सौगात मिली। ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन ने शहर के फाजलपुरा स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय सुदामा नगर स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय दौलतगंज और शासकीय जीवाजीगंज विद्यालय में एलईडी प्रोजेक्टर तथा पुस्तकालय का शुभारम्भ किया। इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी श्री संजय गोयल, विद्यालयों के प्राचार्य तथा शिक्षकगण मौजूद थे। इसके अतिरिक्त सर्वश्री ओंकारलाल खंडेलवाल, कैलाश खंडेलवाल, संजय लड्ढ़ा, रविप्रकाश लंगर और गिरीश तेलंग मौजूद थे।
कार्यक्रम में बताया गया कि बच्चों के शैक्षणिक उन्नयन और उन्हें आधुनिक तरीके से शिक्षित करने के उद्देश्य से एलईडी प्रोजेक्टर ऐसे विद्यालय जहां बेहतरीन परीक्षा परिणाम रहा है, वहां उपलब्ध कराये जा रहे हैं। मंत्री श्री जैन ने विद्यालय के शिक्षकों का इस अवसर पर शाल, श्रीफल और कलम भेंटकर सम्मान किया। विद्यालयों के बच्चों से बातचीत के दौरान मंत्री श्री जैन ने कहा कि वे रोज घर पर अपने माता-पिता और विद्यालय में शिक्षकों का अशीर्वाद लें, क्योंकि इन दोनों के आशीर्वाद के बिना कोई भी जीवन में तरक्की नहीं कर सकता। मंत्री ने शिक्षकों से भी अपील की कि वे स्कूल का समय खत्म होने के पश्चात विद्यालय में ही बच्चों को नि:शुल्क ट्यूशन भी पढ़ायें, क्योंकि कई मेधावी बच्चे आर्थिक अभाव के कारण कहीं बाहर नहीं जा पाते हैं और योग्यता के बावजूद उन्हें उसका पूरा लाभ नहीं मिल पाता है।
मुख्यमंत्री की भी यही सोच है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिये। उन्होंने डॉ.भीमराव अंबेडकर का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रतिभा तो जन्मजात होती है। वह किसी की मोहताज नहीं होती और प्रतिभावान लोग भले ही उनके जीवन में कितनी कठिनाई क्यों न आये, अपना लक्ष्य हासिल कर ही लेते हैं। इसलिये बच्चे खूब मन लगाकर पढ़ें और जीवन में जो बनना चाहते हैं, बनें। मध्य प्रदेश सरकार हर समय उनके साथ खड़ी है। मंत्री ने यह भी अपील की कि ऐसे शिक्षक जो सेवा निवृत्त हो चुके हैं वे अपने आसपास के प्रतिभावान बच्चों को शिक्षित करें, क्योंकि वे ही एक जौहरी की भांति बच्चों को तराशकर एक नेक इंसान बना सकते हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी श्री संजय गोयल ने इस अवसर पर कहा कि शैक्षणिक उन्नयन प्रकल्प कार्यक्रम मिल बांचें मध्य प्रदेश कार्यक्रम के साथ ही शुरू हुआ है। विद्यालय के बच्चों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के उद्देश्य से प्रोजेक्टर्स विभिन्न विद्यालयों में लगाये जा रहे हैं। निश्चित तौर पर बच्चों को अध्ययन में इससे बहुत सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि शासकीय विद्यालय अब किसी से कम नहीं है, यहां भी बच्चों को सभी तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। श्री संजय गोयल ने सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।