इस्लामाबाद। भारत के सिंधु जल समझौते को तोडऩे की खबरों के बीच पाकिस्तान में खलबली मच गई है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज ने मंगलवार को सिंधु जल समझौते पर नेशनल असेंबली को ब्रीफ किया।
अजीज ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत भारत सिंधु जल समझौते से एकतरफा तरीके से नहीं हट सकता है। करगिल और सियाचीन जंग के दौरान भी इस समझौते को स्थगित नहीं किया गया था। अगर भारत सिंधु जल समझौते का उल्लंघन करता है तो पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा था कि पानी और खून एक साथ नहीं बस कता।
बैठक में विदेश सचिव एस जयशंकर,राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल,प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्रा सहित कई अधिकारियों ने शिरकत की थी। बैठक में सिंधु जल समझौते के प्रावधानों पर चर्चा की गई थी। उरी में हुए आतंकी हमले में 18 जवानों के शहीद होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चल रहा है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान को सोमवार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। मोदी ने सिंधु जल संधि की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई बैठक में यह टिप्पणी की थी। सूत्रों के अनुसार, इसमें स्थायी सिंधु जल आयोग की बैठक फिलहाल न बुलाने का फैसला किया गया। इससे दोनों देशों के बीच नदी जल पर सहयोग की प्रक्रिया धीमी पड़ सकती है।
बैठक में तुलबुल नौवहन परियोजना पर निर्माण कार्य के स्थगन की समीक्षा करने का भी फैसला किया गया। बैठक से यह संकेत सामने आया है कि यदि पाकिस्तान सीमा पार से आंतकी हमले जारी रखता है तो उसे यह नहीं मानना चाहिए कि संधि का क्रियान्वयन नहीं जारी रहेगा। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव नृपेंद्र मिश्रा तथा विदेश सचिव एस जयशंकर भी मौजूद थे।