सीमित संसाधन में ही रिपेरियन जोन में अच्छे से अच्छा कार्य किया जा सकता है – कमिश्नर

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होशंगाबाद – ईपत्रकार.कॉम |नर्मदापुरम् संभाग कमिश्नर श्री उमाकांत उमराव ने कहा कि जेईई एवं नीट परीक्षा की तैयारी हेतु एवं नर्मदापुरम् संभाग के आदिवासी स्कूलों के बच्चों को देश के ख्याति प्राप्त राष्ट्रीय स्तर के उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश दिलाने के लिए इस वर्ष तैयारियां पुख्ता की जाएगी। अभी से रणनीति बनाकर उस पर अमल किया जाएगा। वर्ष भर की गई तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि कमिश्नर श्री उमाकांत उमराव के मार्ग दर्शन एवं नेतृत्व में नर्मदापुरम् संभाग के आदिवासी स्कूलों एवं शिक्षा विभाग के स्कूलों के 100 विद्यार्थियो ने जेईई एडवांस के लिए क्वालीफाई किया है। कमिश्नर श्री उमराव आज जनजातीय कार्य विभाग एवं रिपेरियन जोन की अद्यतन स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। कमिश्नर ने कहा कि गत वर्ष विद्यार्थियों को कोचिंग देने के लिए 24 सेंटर निर्धारित किए गए थे अब सेंटर्स की संख्या बढ़ाई जाएगी। उन्होंने वेरीफिकेशन का शेड्यूल बनाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। कमिश्नर ने निर्देश दिए कि जिन स्कूलों का चिन्हांकन किया गया है उन स्कूलों में जून माह तक लाइब्रोरी एवं प्रयोगशाला बनकर तैयार हो जाए ताकि विद्यार्थी लाइब्रोरी एवं प्रयोगशाला का भरपूर उपयोग अभी से कर सकें। कमिश्नर ने कहा कि जनजातीय कार्य विभाग के सभी अधिकारी अभी से मेहनत करें और विद्यार्थियों को उच्च शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश दिलाने के लिए बेहतर से बेहतर कार्य करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी जिस जिले में है उस जिले में विद्यार्थियों के हित में कार्य करें। कमिश्नर ने कहा कि जनजातीय कार्य विभाग के पास बड़ा स्कोप है यहां गरीब बच्चे हैं जो प्रतिभावान हैं। आवश्यकता है कि हम उन बच्चों की प्रतिभा पहचान कर उन्हें तराशें। श्री उमराव ने कहा कि अच्छा कार्य करने की संतुष्टि ही अलग होती है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अभी से क्लस्टर बना लिए जाएं जहां विद्यार्थियों को रखा जा सके और उन्हें कोचिंग दी जा सके।

उन्होंने रिपेरियन जोन की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने समस्त जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, उपयंत्रियों को निर्देश दिए कि वे रिपेरियन जोन में पौधों की सुरक्षा हेतु तार फेंसिंग का कार्य जल्द से जल्द कम्पलीट कर लें एवं तार फेंसिंग के अंदर वनस्पति, झाऊ, घास लगा दें यह भी पानी के अच्छे स्त्रोत हैं। कमिश्नर ने कहा कि सिंचाई हेतु मोटर पंप हेतु जो व्यक्ति आगे आकर दान करना चाहता है उससे दान ग्रहण किया जाए। कमिश्नर ने सभी को निर्देश दिए कि इस वर्ष रिपेरियन जोन में विभिन्न प्रजातियों एवं वनस्पति के 3 करोड बीज एकत्रित किए जाएंगे। उन्होने कहा कि रिपेरियन जोन के किनारों में वाटर कन्जरवेशन का कार्य किया जाना हैं। सभी इंजीनियर एवं उपयंत्री कल से वाटर कन्जरवेशन का कार्य शुरू कर दें और शुरू किए गए कार्यों के फोटोग्राफ्स वाटसएप ग्रुप में डालें।

कमिश्नर ने पानी की कमी की बढ़ती समस्या की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए बताया कि पानी की समस्या जिले में गंभीर है। यह पहला वर्ष है जब माँ नर्मदा की सभी सहायक नदियों में पानी नही बह रहा है। 884 मि.मी. वर्षा होने पर भी नर्मदा में मात्र 32 क्यूबेक पानी शेष बचा है। कमिश्नर ने कहा कि तेजी से जल स्तर घटने का एक प्रमुख कारण धान की खेती है। पूर्व के वर्षों में जिले में मात्र 12 हजार हेक्टेयर में धान की फसल लगाई जाती थी इस वर्ष 1 लाख 60 हजार हेक्टेयर में धान की फसल लगाई गई है। धान की फसल में अत्यधिक पानी की खपत होती है यही स्थिति रही तो माँ नर्मदा में आने वाले 8 से 10 वर्षों में पानी शेष नहीं रहेगा। कमिश्नर ने कहा कि ऐसे स्थिति आए इसके पूर्व ही हम सब को इसके लिए कार्य करना होगा। कमिश्नर श्री उमराव ने कहा कि सीमित संसाधन में भी रिपेरियन जोन में सबसे अच्छा कार्य किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नर्मदा में बायोडायवर्सिटी के कारण पवित्रता बनी रहती थी इसलिए माँ नर्मदा को अन्य नदियों की अपेक्षा ज्यादा पवित्र माना जाता है।

कमिश्नर ने सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को अपनी-अपनी जनपद के ग्रामों में अधिक से अधिक खेत तालाब बनाने के निर्देश दिए। कमिश्नर ने कहा कि सभी सीईओ ग्राम के बडे किसानों की सूची बनाएं और उन्हें प्रेरित करें कि वे अपने खेत तालाब बनाएं। खेत तालाब पानी के सबसे बड़े स्त्रोत हैं।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री दीपक राय, सभी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारीगण, उपयंत्री, डिप्टी कमिश्नर जनजातीय कार्य विभाग श्री जेपी यादव, संयुक्त संचालक शिक्षा श्री संतोष त्रिपाठी, डीपीसी श्री एसएस पटेल सहित सभी संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।

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