भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को लगता है कि महज तीन असफलताओं के बाद अम्बाती रायुडू को भारत की विश्व कप टीम से बाहर किया जाना दुखद है लेकिन ऋषभ पंत को जगह नहीं मिलने पर कोई बहस नहीं होनी चाहिए क्योंकि उसने मिले मौकों का फायदा नहीं उठाया। अनुभवी दिनेश कार्तिक को पंत पर तरजीह दिए जाने की सुनील गावस्कर ने आलोचना की थी और इसे हैरानी भरा फैसला करार दिया था। लेकिन 2007 विश्व टी20 और 2011 विश्व कप फाइनल के नायक ने कहा कि रायुडू का सोमवार को घोषित टीम में जगह नहीं बना पाना सबसे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण है।
गंभीर ने कहा- सफेद गेंद के क्रिकेट में 48 के औसत वाले खिलाड़ी को जो केवल 33 वर्ष का है, उसे टीम में जगह नहीं दी गई। चयन में किसी अन्य फैसले से ज्यादा दुखद मेरे लिए यही है। अभी बहस पंत पर हो रही है जबकि यह रायडू के लिए होनी चाहिए। रायडू कुछ महीने पहले विराट कोहली के लिए पहली पसंद थे।
गंभीर ने कहा कि वेस्टइंडीज में 12 साल पहले हुए 2007 विश्व कप के लिए उन्हें नहीं चुना गया था और तब वह खेल को छोडऩे पर विचार करने लगे थे। उन्होंने कहा- मुझे उसके लिए दुख होता है क्योंकि मैं भी 2007 में इसी तरह की स्थिति में था, जब चयनकर्ताओं ने मुझे नहीं चुना था।