बालाघाट – (ईपत्रकार.कॉम) |प्रदेश के सभी 313 विकासखंडों में आयोजित की रही किसान संगोष्ठी की कड़ी में 08 अक्टूबर 2017 को लालबर्रा विकासखंड के ग्राम जाम एवं वारासिवनी में किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। मध्यप्रदेश शासन के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किसान संगोष्ठी कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रेखा बिसेन, विधायक डॉ. योगेन्द्र निर्मल, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती किरण मड़ावी, जिला पंचायत सदस्य श्री झामसिंह नागेश्वर, जनपद सदस्य श्रीमती पुष्पा नागेश्वर, कृषि एवं उससे जुड़े विभागों के अधिकारी एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
किसान संगोष्ठी में कृषि मंत्री श्री बिसेन ने मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना के हितग्राहियों को सहायता राशि के चेक का वितरण किया और क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा किसानों को फसलों के अधिक उत्पादन एवं कृषि के संबंध में नवीनतम तकनीकी जानकारी दी गई।
कृषि मंत्री श्री बिसेन ने इस अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि लालबर्रा विकासखंड प्रदेश का सबसे अधिक विकासखंड है। लालबर्रा क्षेत्र के 102 ग्रामों में वैनगंगा का शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए 150 करोड़ रुपये की योजना अब अंतिम चरण में है। इस योजना के अंतर्गत ग्रामों में शुद्ध पेयजल प्रदाय करना प्रारंभ हो गया है। इस क्षेत्र में शिक्षा की सुविधाओं के विकास के लिए भी बहुत कार्य किया गया है। अब यह क्षेत्र उन्न्त कृषि के मामले में भी अग्रणी बनेगा। लालबर्रा विकासखंड के किसानों की सुविधा के लिए जाम एवं डोकरबंदी बहुउद्देशीय कृषि केन्द्र प्रारंभ किये गये है। जाम के केन्द्र में 2 करोड़ रुपये की लागत से हाई राईस शेड बनाया जायेगा।
कृषि मंत्री श्री बिसेन ने किसानों से कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रदेश सरकार किसानों को हर संभव मदद कर रही है। जिससे खेती की लागत को कम करके उसे लाभ का धंधा बनाया जा सकेगा। खेती को लागत को कम करने के लिए किसानों को हमारे पूर्वजों द्वारा बताये गये जैविक खेती के तरीके के साथ कृषि के यंत्रीकरण को अपनाना होगा। किसानों को रासायनिक खाद एवं उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग बंद करना चाहिए। कीटनाशकों के अधिक उपयोग से फसलों के मित्र कीट एवं जंतु भी नष्ट हो रहे है। हमारे खेतों में पैदा होने वाला अनाज प्रदूषित हो गया है। अनाज के प्राकृतिक गुणों में कमी आने लगी है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो गई है। इन सब दुष्परिणामों से बचने के लिए किसानों को जैविक खेती की ओर बढ़ना होगा और उर्वरकों का संतुलित मात्रा में उपयोग करना होगा।
कृषि मंत्री श्री बिसेन ने किसानों से कहा कि वे एकीकृत खेती करें और अनाज के साथ ही फलों, सब्जियों एवं फूलों की खेती भी करें। इसके साथ ही पशुपालन को भी अपनायें। मंत्री श्री बिसेन ने मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में कृषि कार्य के दौरान किसान की मृत्यु होने पर उसके परिवार को 4 लाख रुपये की सहायता के साथ ही अंतिम संस्कार के लिए 4 हजार रुपये देने की व्यवस्था की गई है।
कृषि मंत्री श्री बिसेन ने बालाघाट जिले में हुई कम वर्षा की चर्चा करते हुए कहा कि जिले के कुछ हिस्सों में सूखे की स्थिति है। प्राकृतिक आपदा के इस संकट की इस घड़ी में प्रदेश सरकार किसानों के साथ खड़ी है। प्रभावित किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ दिलाया जायेगा। इसके साथ ही आरबीसी-6-4 के प्रावधानों के तहत भी मदद की जायेगी। श्री बिसेन ने कहा कि फसल कटाई प्रयोग का कार्य प्रारंभ कर दिया है। इसके आधार पर फसल बीमा व आरबीसी-6-4 के प्रकरण तैयार किये जायेंगें। जिन पटवारी हल्कों में गत वर्ष की तुलना में 66 प्रतिशत कम फसल होगी वहां के किसानों को आरबीसी-6-4 के प्रावधानों के अनुसार मदद दी जायेगी।