दीपावली से पहले शरद पूर्णिमा लक्ष्मी माता के जन्मदिन के तौर पर मनाई जाती है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी समुद्र मंथन से उत्पन्न हुई थीं। इसलिए यह दिन विशेष रूप से माता लक्ष्मी को ही समर्पित होता है। इस अवसर मां लक्ष्मी को प्रिय इन 5 वस्तुओं का भोग लगाने और इसे प्रसाद स्वरूप बांटने व स्वयं खाने से धन, समृद्धि में वृद्धि होती है और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है।
लक्ष्मी माता का भाई माना जाता है इन्हें
शरद पूर्णिमा को मां लक्ष्मीजी की पूजा करने के बाद आप मखाने का भोग लगा सकते हैं। मखाने का संबंध चंद्रमा से है और चंद्रमा को देवी लक्ष्मी का भाई माना जाता है। साथ ही इस दिन श्रीसूक्त का पाठ कर सकते हैं।
भोग में लगाएं यह वस्तु
माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए आप भोग में बताशे का भी प्रयोग कर सकते हैं। रात्रि जागरण में आप बताशे का भोग लगाकर हर किसी को दे सकते हैं। बताशे का संबंध भी चंद्रमा से है, इसलिए दिवाली के दिन बताशे और चीनी के खिलौने माता लक्ष्मी को अर्पित किए जाते हैं।
इसे खाकर रोग होते हैं दूर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मखाने और चावल की खीर का भोग लगा सकते हैं। बताया जाता है कि इस खीर में चंद्रमा की रोशनी में रखने के बाद इसमें औषधीय गुण आ जाते हैं। इससे कई रोग दूर होते हैं।
पूजा में करें इसका प्रयोग
हिंदू धर्म के पूजापाठ से जुड़े कार्यों में पान का होना बहुत ही शुभ माना जाता है। पान को प्रसन्नता का कारक माना जाता है। पूजा में पान पर सुपारी का प्रयोग किया जाता है। इसलिए शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए आप उनकी पूजा में पान का प्रयोग कर सकते हैं।
दही का लगाएं भोग
मां लक्ष्मी को जो वस्तुएं प्रिय हैं, उनमें से एक दही भी है। शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को गाय के दूध से बने दही का भी भोग लगाएं। फिर इसे प्रसाद के रूप में सभी लोगों में बांट दें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर आपकी मनोकामना पूर्ण करेंगी।