झाबुआ – (ईपत्रकार.कॉम) |कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आज 11 सितम्बर को जिला जल उपभोक्ता समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने की। बैठक में जिले के तालाबों में संग्रहित जल को उपयोग करने पर चर्चा की गई एवं आवश्यक निर्णय लिये गये। बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी तालाबों में पेयजल के लिए आवश्यक जल आरक्षित करने के बाद किसानो को सिंचाई के लिए जल उपलब्ध करवायें। बैठक में अवैध रूप सें सिंचाई के लिए पानी चोरी करने वाले किसानो के पम्प जप्त करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये गये।
ई.ई जल संसाधन विभाग को निर्देशित किया कि माही डेम एवं अन्य तालाबों में पेयजल के लिए आरक्षित पानी में से किसी भी किसान द्वारा पानी की चोरी नहीं की जाये यह सुनिश्चित करे। ऐसे किसान जो सिंचाई के लिए पानी लेते है, उनसे सिंचाई शुल्क वसूल किया जाये। जिन किसानो की जमीन तालाब के कमाण्ड क्षेत्र में है उन्हें तालाब/नहर से पानी लेने के लिए स्वीकृति पत्र जारी करे। जिन किसानो की जमीन कमाण्ड क्षैत्र में नहीं है, उन्हें नहर के पानी के भरोसे बुआई नहीं करने के लिए समझाईश दे, ताकि पानी चोरी करने की समस्या उत्पन्न ना हो जिन किसानो के अपने स्त्रोत है वह फसल बोये इसके लिए जल संसाधन विभाग, एमपीईबी, पटवारी एवं कृषि विभाग की टीम जाकर किसानो को समझाईश दे।
15 नवम्बर से छोडा जाएगा पानी
बैठक में समिति द्वारा निर्णय लिया गया कि किसानो को सिंचाई करने के लिए तालाबों से नहरो में पानी 15 नवम्बर से छोडा जाएगा। इस बार जिले के तालाबों में पानी कम संग्रहित हुआ है। इसलिए किसानो को दो बार ही सिंचाई के लिए पानी छोडा जाएगा। किसान ऐसी फसलो का ही चयन करे जो कि कम पानी में अच्छी उपज देती है।
3.60 मि.घन मीटर पानी पेयजल के लिए आरक्षित
नगरीय पेयजल प्रदाय हेतु संस्थाओं की मांग अनुसार झाबुआ, थांदला, पेटलावद एवं रायपुरिया में पेयजल वितरण हेतु 3.60 मि.घन मीटर पेयजल आरक्षित करने का निर्णय लिया गया। निर्णय अनुसार झाबुआ शहर की पेयजल व्यवस्था के लिए धमोई तालाब में 1.98 मि.घन मीटर, गुलाब पुरा तालाब में 0.42 मि.घन मीटर, रायपुरिया के लिए पंपावती तालाब में 0.25 मि.घन मीटर, पेटलावद के लिए चोर बोराली तालाब में 0.35 मि.घन मीटर, थांदला के लिए शिवसागर तालाब में 0.60 मि.घन मीटर पानी पेयजल के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया गया।
माही क्षेत्र के किसान स्प्रिंकलर सिंचाई को प्राथमिकता दे
कम पानी में अधिक क्षेत्र में सिंचाई करने के लिए स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति से सिंचाई की जाती है। किसान कम पानी में अधिक सिंचाई कर पाये इसके लिए किसानो को सलाह दी गई है कि वे इस वर्ष स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति से सिंचाई करे।
बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमना भिडे, ई.ई. जल संसाधन विभाग श्री अग्रवाल, उप संचालक कृषि श्री त्रिवेदी सहित जल उपभोक्ता समितियों के अध्यक्ष सदस्य एवं संबंधित विभागो के अधिकारी उपस्थित थे।