भिण्ड – (ईपत्रकार.कॉम) |कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी ने कहा है कि राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना में जिले के किसानों का पंजीयन शत प्रतिशत कराने की दिशा में विभागीय अधिकारी कार्यवाही सुनिश्चित करें। साथ ही सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जावे। वे आज जिला पंचायत भिण्ड के सभागार में आयोजित टीएल बैठक में विभिन्न विभागो के अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे थे।
बैठक में एसडीएम भिण्ड श्री संतोष तिवारी, लहार श्री एमके शर्मा, अटेर श्री अनिल बनवारिया, गोहद श्री यूनुस कुर्रेशी तथा विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी, जिले के तहसीलदार, सीईओ जनपद, नगरीय निकायो के मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नायब तहसीलदार उपस्थित थे।
कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी ने कहा कि जिले के किसानों को भी कृषि उपज का उचित मूल्य प्रदान करने के लिए पायलट आधार पर खरीफ 2017 के लिए लागू की गई भावांतर भुगतान योजना के अन्तर्गत किसानों का पंजीयन निःशुल्क रूप से खरीद केन्द्रों एवं कृषि उपज मण्डियों पर जारी है। किसानों द्वारा निःशुल्क पंजीयन की सुविधा का लाभ 15 अक्टूबर 2017 तक लेने के लिए अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि इस योजना में किसानो के द्वारा खरीफ 2017 की चयनित फसलो के लिए जिले के उत्पादकता की निश्चित सीमा तक विक्रय की गई फसल पर देय होगी।
कलेक्टर ने कहा कि भावांतर भुगतान योजना के अन्तर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए किसान प्राथमिक कृषि सहकारी समिति जो गेहूं, धान आदि के लिए उपार्जन का पंजीयन करती थी। उसके द्वारा पोर्टल पर पंजीयन तिल, मूंग, उड़द, तुअर, ज्वार, बाजरा आदि का कराया जावेगा। भावांतर भुगतान योजना के अन्तर्गत भुगतान एजेंसी म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या.नियुक्त की गई है।
इस योजना में किसानों को यह सुविधा गेहूं ई उपार्जन केन्द्रो पर उपलब्ध कराई जावेगी। राज्य सरकार द्वारा भावांतर भुगतान योजना के अन्तर्गत खरीफ 2017 में पायलेट आधार पर खरीफ फसल मक्का, सोयाबीन, मुंगफली, रामतिल, मूंग, उडद, तुअर, तिल के लिए पंजीयन की तिथि अब 11 अक्टूबर 2017 से बढाकर 15 अक्टूबर 2017 कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन के अन्तर्गत विभिन्न विभागों में लंबित प्रकरणों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जावे। साथ ही उनका निराकरण विभिन्न विभागो के अधिकारी एक सप्ताह में सुनिश्चित करें।
राजस्व विभाग के अन्तर्गत अविवादित नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा का कोई भी प्रकरण शेष लंबित नहीं रहना चाहिए। अगर कोई प्रकरण लंबित है, तब उसका निराकरण एक सप्ताह में ही होना चाहिए। इसीप्रकार राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर निराकृत किया जावे। यह प्रकरण 31 अक्टूबर की स्थिति में शत प्रतिशत निराकृत किए जावे। कलेक्टर ने टीएल बैठक में विभागवार समय सीमा के प्रकरणों की समीक्षा की। साथ ही प्रकरणों का निराकरण एक सप्ताह में करने के दिशा निर्देश दिए।