राजगढ़- (ईपत्रकार.कॉम) |समस्त राजस्व के ऐसे प्रकरण जो न्यायालयीन प्रकृति के है वह न्यायालयीन रेवन्यु कोर्ट मेनेजमेंट सिस्टम (सी.आर.सी.एम.एस.) में दर्ज हों। इसके साथ ही राजस्व न्यायालय द्वारा पारित आदेश भी (आर.सी.एम.एस.) में अनिवार्य रूप से दर्ज किए जाएं। राजस्व न्यायालयीन प्रकृति के कोई भी प्रकरण आर.सी.एम.एस. में दर्ज होने से नही छूटे। इस उद्देश्य से राजस्व अधिकारी स्व प्रेरणा से कार्य करें। सी.एम. हेल्पलाइन एवं लोक सेवा केन्द्र को भी आर.सी.एम.एस. से लिंक कराएं। सी.एम. हेल्पलाइन के लंबित प्रकरण शून्य करें। यह निर्देश राजस्व अधिकारियों की बैठक में कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा ने दिए।
उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी राजस्व के प्रकरणों के निराकरण के प्रति गंभीर रहें एवं तीव्रगति से निराकृत करें और अधीनस्थ मैदानी अमले से कराएं। उन्होंने पटवारियों द्वारा सीमांकन कार्य इलेक्ट्रानिक टोटल स्टेशन मशीन (ई.टी.एस.एम.) से तथा गिरदावरी कार्य एप से ही कराएं जाने के निर्देश दिए। उन्होंने पटवारियों पर प्रशासनिक कसावट रखने तथा वे प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही नही करे, यह सुनिश्चित करने सख्त हिदायत दी। उन्होंने कहा कि लंबित राजस्व प्रकरणों से मुक्त ग्रामों को घोषित करने हेतु संबंधित ग्रामों मे राजस्व के एक भी विवादित-अविवादित प्रकरण लंबित नही रखने निर्देशित किया।
उ
न्होंने निर्देशित किया कि पटवारी प्रत्येक मंगलवार को पंचायत सचिव के साथ बैठे पंचायतों में बैठें। जनसुनवाई करें और राजस्व प्रकरणों का निराकरण करें। एक से अधिक हल्कों वाले पटवारियों का रोस्टर बनाया जाए तथा वे एक सप्ताह में कम से कम दो पंचायतों में बैठकर लोगो की समस्याओं का निराकरण करने सुनिश्चित करे। इसके साथ ही उन्होंने जनपद स्तर पर होने वाली जनसुनवाई के आवेदन कम्प्युटर में इंद्राज कराने हेतु अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया।
उन्होंने एप से गिरदावरी नही करने वाले तथा गिरदावरी कार्य में शून्य प्रगति प्रदर्शित करने वाले पटवारियों की वेतन वृद्धि रोकने, समस्त राजस्व वसूलियों की मांग बढ़ाने, वसूलियों का प्रतिशत बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने ऐसे शासकीय सेवक जिनके विरूद्ध भ्रष्टाचार की शिकायतें हैं, दायित्वों के निर्वहन में सक्षम नही है, दायित्वों के निर्वहन के प्रति सदैव उदासीन रहते है, कि सूची बनाने तथा गलती करने वालों को दण्डित करने एवं नियत में खोट रखने वाले नौकरी पर नही रहे, स्पष्ट टीप सहित सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध कराने के निर्देश भी अनुविभागीय अधिकारियों एवं तहसीलदारों को दिए।