कृषकों एवं कृषि वैज्ञानिकों के बीच इंटरफेस कार्यक्रम सम्पन्न

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पन्ना – ईपत्रकार.कॉम |कृषकों एवं कृषि वैज्ञानिकों के बीच इंटरफेस कार्यक्रम उपसंचालक कृषि कार्यालय पन्ना में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री बृजेन्द्र गर्ग एवं विषिष्ट अतिथि श्री रामरूप तिवारी एवं कृषि वैज्ञानिकों एवं उपस्थित अधिकारी उपसचांलक श्री ए.के. सुमन,कृषि वैज्ञानिक डॉ रणविजय सिंह एवं डॉ. नीलकमल पेदरे, श्री एस.के. शर्मा, श्री मुनेश शाक्य सहायक संचालक कृषि एवं श्री संजीत कुमार बागरी सहायक उद्यान विस्तार अधिकारी एवं विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में मॉ सरस्वती की पूजा अर्चना एवं स्वागत कार्यक्रम पश्चात् इंटरफेस कार्यक्रम प्रारंभ किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री बृजेन्द्र गर्ग आत्मा गवर्निंग बोर्ड के सदस्य द्वारा बताया गया कि बीते समय में कृषक ऋण में ही पैता होता था, ऋण में ही पलता था और ऋण में ही कृषक की मृत्यु हो जाती थी,परन्तु वर्तमान की परिवेश में कृषकों की ऐसी स्थिति नही है। विशिष्ठ अतिथि श्री तिवारी आत्मा गवर्निंग बोर्ड के सदस्य द्वारा मधुमक्खी पालन एवं एजोला इकाई निर्माण कर किसान भाई कृषि को लाभ का धंधा बना सकते है तथा शहद से अतिरिक्त आय प्राप्त कर कृषक अपनी आय में सुधार कर सकते है। कृषकों के लिये कृषि विभाग, उद्यान विभाग, पशुपालन विभाग, मत्स्य पालन विभाग, कृषि विज्ञान केन्द्र आदि से अनेकों योजनायें चलाई जा रही है। जिसका कृषकों ने भरपूर लाभ लिया और कृषकों को बताया कि अब खेती हानि के धंधे की जगह लाभ का धंधा माना जाने लगा हैं। मुख्य अतिथि श्री गर्ग द्वारा कृषि विभाग के कार्यक्रम में यह बात रखी कि ग्रामीण क्षेत्रों के पालतु जानवरों की चल रही ऐरा प्रथा को समाप्त करने के लिय पुनः ग्राम एवं ग्राम पंचायत स्तरों पर कांजी हाऊस खोले जाने चाहिए तभी कृषकों के लिये सही मायने में कृषि लाभ का धंधा होगा।

कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक डॉ रणविजय सिंह द्वारा रबि की फसल चना एवं खरीफ की फासल उडद पर विस्तार पूर्वक कृषकों को समझाया तथा चर्चा उपरांत कृषको ने बताया कि चने की फसल में उगरा रोग एवं उडद की फसल में पीला मौजिक मुख्य रूप से हानि पहुंचाते है। इस के निदान के संबंध में कृषकों को विस्तार पूर्वक जैविक एवं रसायनिक विधि से समाप्त करने की सलाह दी।कृषि वैज्ञानिक डॉ नीलकमल पेंदरे द्वारा कृषकों को बताया गया कि उद्यानिकी फसलों में चुर्रा-मुर्रा रोग के निदान के संबंध में सलाह दी तथा हल्दी की फसल पर विस्तार पूर्वक कृषको को समझाया। उद्यानिकी विभाग से श्री संजीत कुमार बागरी द्वारा फल पौध रोपण योजना, सब्जी क्षेत्र विस्तार योजना, मसाला क्षेत्र विस्तार योजना, प्लास्टिंग मल्चिंग, पाली हाऊस, मिर्च क्षेत्र विस्तार, प्याज भण्डारण गृह निर्माण, ड्रिप सिचाई योजना एवं कृषि अभियांत्रिकी से जुडी योजनाओं का अनुदान प्राप्त करने के लिये विस्तार पूर्वक कृषकों को बताया।

कार्यक्रम के अंत में सहायक संचालक कृषि श्री एस.के. शर्मा द्वारा कृषि विभाग की योजनाओं जैसे- कृषि अभियांत्रिकी, प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना,प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री स्वाईल हेल्थ कार्ड योजना आदि योजनाओं पर विस्तारपूर्वक कृषकों को सलाह दी। कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिये उन्नत कृषि तकनीकी को कृषक अपनायें तत्पश्चात् कार्यक्रम में उपस्थित कृषकों,अतिथियों एवं समस्त स्टाफॅ का आभार प्रदर्शित कर कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।

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