जिला चिकित्सालय देवास में ई-हॉस्पिटल का हुआ शुभारम्भ

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देवास  – ईपत्रकार.कॉम |जिला चिकित्सालय देवास में आने वाले मरीजों की जानकारी ई-हॉस्पिटल के माध्यम से ऑनलाइन होगी। ई-हॉस्पिटल योजना का शुभारम्भ आज विधायक श्रीमती गायत्रीराजे पवार ने किया। इस अवसर पर विधायक श्रीमती पवार ने कहा की देवास में ई-हॉस्पिटल योजना द्वारा जिले के आम नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी। डिजिटल तकनीकी से यूनिक आईडी द्वारा अन्य अस्पतालों से कनेक्टीविटी के तहत मरीजों को तत्काल बेहतर इलाज के साथ-साथ रिकॉर्ड उपलब्ध होगा। इस अवसर पर संयुक्त कलेक्टर नीता राठौर, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी प्रीति कोठारी, अतिरिक्त जिला सूचना विज्ञान अधिकारी शैलेन्द्र नाहर, प्रभारी सिविल सर्जन डॉ.अतुल पवनीकर, जनप्रतिनिधि दुर्गेश अग्रवाल, साक्षी जामरे, जिला स्वास्थ्य अधिकारी एस.एस. मालवीय, डॉ. एस.एस डंगावकर, कमलसिंह डावर सहित समस्त चिकित्सक, समस्त सेक्शन इंचार्ज नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टॉफ, नर्सिंग छात्राएं उपस्थित थे।

बेहतर एवं सुचारू होगा उपचार

   इस अवसर पर संयुक्त कलेक्टर नीता राठौर ने योजना के सुचारू क्रियान्वयन एवं मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य जिला अस्पताल में उपलब्ध होने की बात कही। जिला प्रशासन आम नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने के लिये निरन्तर प्रयासरत है।

मरीज को मिलेगा यूनिक आईडी

   कार्यक्रम में जिला सूचना विज्ञान अधिकारी प्रीति कोठारी और अतिरिक्त जिला सूचना विज्ञान अधिकारी शैलेन्द्र नाहर ने बताया कि जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को ओ.पी.डी. पर्ची के माध्यम से यूनिक आईडी मिलेगी एवं मरीज को जो इलाज दिया जा रहा है। उसकी जानकरी सुरक्षित रहेगी। जब भी मरीज अस्पताल में आयेगा, तब वह यूनिक आईडी द्वारा सम्पूर्ण जानकारी देख पाएगा। चिकित्सक भी सेक्सन अनुसार ओ.पी.डी व आईपीडी की जानकारी देख सकते है। ई-हॉस्पिटल से सभी सेक्सन विभाग को कनेक्ट किया गया है।

संभाग का पहला अस्पताल है

   प्रभारी सिविल सर्जन डॉ.अतुल पवनीकर ने बताया कि आज जिला अस्पताल में ई-हॉस्पिटल का शुभारंभ किया गया है। यह प्रदेश में चौथा एवं संभाग में पहला जिला है, जहां ई-हॉस्पिटल योजना प्रारम्भ की गई है। नोडल अधिकारी आर.एम.ओ.डॉ.एम.एस गोसर ने बताया की जिला अस्पताल में ई-हॉस्पिटल योजना के प्रारम्भ होने से आने वाले समय में  सभी विभाग पूरी तरह से ऑनलाइन हो जायेगा। मरीज को बार-बार पर्ची नही बनानी होगी। वह प्रथम बार जो यूनिक आईडी मिलेगी, उसमें मरीज की सम्पूर्ण जानकारी होगी। उसी आधार पर मरीज का इलाज किया जायेगा।

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