टीबी कोई गंभीर बीमारी नहीं, जरूरत सिर्फ जागरूकता और समय पर उपचार कराने की

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उज्जैन – ईपत्रकार.कॉम |भारत सरकार द्वारा 2025 तक देश से क्षय रोग उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये सबकी सहभागिता आवश्यक है। इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.व्हीके गुप्ता तथा जिला क्षय अधिकारी डॉ.सुनीता परमार ने सिंहस्थ मेला कार्यालय के सभाकक्ष में रविवार 13 मई को दोपहर 12 बजे प्रायवेट सेक्टर के चिकित्सकों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मप्र फार्मेसी ऑफ काउंसिल के अध्यक्ष श्री ओम जैन ने की। श्री ओम जैन ने उपस्थित समस्त शासकीय एवं अशासकीय चिकित्सकों से कहा कि मानवता के काम में हम सबको मिलजुल कर कार्य करना चाहिये। क्षय रोग जैसी गंभीर बीमारी को देश से मुक्त करने के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का सपना है, उसे हम सब मिलकर पूरा करेंगे। श्री जैन ने कहा कि चिकित्सक भारत सरकार एवं राज्य सरकार के दिये गये निर्देशों का हम सब मिलकर कड़ाई से पालन करें और क्षय रोग को जिले से मुक्त करने का हम सब संकल्प लें।

भारत सरकार के डब्ल्यूएचओ कंसल्टेंट डॉ.व्हायके जानी ने पावर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से क्षय रोग के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि टीबी कोई गंभीर बीमारी नहीं, जरूरत सिर्फ जागरूकता की है और उसका समय पर नियमित उपचार कराने का है। टीबी मरीज को प्रतिमाह दवाई लेने पर उन्हें 500 रूपये राज्य सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जायेगी।

डब्ल्यूएचओ के कंसल्टेंट डॉ.व्हायके जानी ने बताया कि क्षय रोग उन्मूलन के लिये जिले में कार्य योजना के अन्तर्गत सबके सहयोग से कार्य किया जायेगा। इसके अन्तर्गत संभावित क्षय रोगियों की शीघ्र पहचान करना, उनका नोटिफिकेशन करना, समय पर उनका इलाज, अनुसरण, मरीज को जो औषधियां दी जा रही है वह समय पर ले रहा है या नहीं इसकी नियमित देखरेख आदि रणनीति पर कार्य किया जायेगा। बैठक में बताया गया कि क्षय रोग से ग्रसित लोगों को पौष्टिक आहार लेने के लिये हर महीने 500 रूपये राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराये जायेंगे। उपचार में लगे प्रायवेट चिकित्सकों को भी सरकारी अस्पताल में नोटिफिकेशन कराने पर राज्य सरकार उन्हें भी प्रोत्साहन राशि के रूप में 500 रूपये उपलब्ध करायेगी। भारत सरकार ने क्षय रोगियों के इलाज को बेहतर बनाने की दिशा में नये कदम उठाये हैं। डॉ.जानी ने बताया कि क्षय रोगी पूरे समय तक दवा का डोज नियमित रूम से लेते रहें और डॉक्टर के सम्पर्क में रहें, इसके लिये शासन उन्हें न्यूट्रीशन डाइट के लिये 500 रूपये की मदद प्रदान करेगा। यह राशि मरीज के स्वस्थ होने तक दी जायेगी, ताकि डॉक्टर के परामर्श के अनुसार मरीज दवाईयों के साथ पौष्टिक आहार भी लेता रहे।

बैठक में बताया गया कि मरीजों को दवाई खिलाने वाले डाट प्रोवाइटर को 6 माह के कोर्स को नियमित रूप से खिलाने पर राज्य सरकार 1 हजार रूपये की राशि उन्हें उपलब्ध कराई जायेगी। उन्होंने चिकित्सकों को अवगत कराया कि क्षय रोग के मरीजों को यह परामर्श दें कि बिना चिकित्सकीय परामर्श के कोर्स बन्द नहीं करना चाहिये।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.व्हीके गुप्ता एवं जिला क्षय अधिकारी डॉ.सुनीता परमार ने बताया कि संभावित क्षय रोगी या क्षय रोगी का निर्धारित प्रपत्र में जानकारी भरकर जिला क्षय केन्द्र में नोटिफिकेशन करवाना प्रायवेट चिकित्सक सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि डीटीओ की मेल आईडी dtompuin@rntcp.org या nikshay.gov.in में भी नोटिफिकेशन चिकित्सक कर सकते हैं।

इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ.राजू निदारिया, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.सीएम पौराणिक, डॉ.एनके तिवारी, डॉ.सोनानिया सहित शासकीय एवं अशासकीय चिकित्सक उपस्थित थे।

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