भावांतर भुगतान योजना किसानों के लिए फायदेमंद है- कलेक्टर

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नरसिंहपुर  – (ईपत्रकार.कॉम) |मध्यप्रदेश में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए किसान कल्याण तथा कृषि विभाग ने खरीफ 2017 से भावांतर भुगतान योजना लागू की है। योजना के अंतर्गत लाभ लेने के लिए किसानों का पंजीयन किया जा रहा है। इस सिलसिले में नरसिंहपुर जिले में सभी ग्राम पंचायतों में 12 अक्टूबर को ग्राम सभाओं के मद्देनजर सभी 6 जनपद पंचायतों में ग्राम सभाओं के नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। इन ग्राम सभाओं में खरीफ फसल लगाने वाले किसानों का पंजीयन किया जायेगा, ताकि उन्हें भावांतर योजना का लाभ मिल सके।

कलेक्टर डॉ. आरआर भोंसले ने जनपद पंचायत गोटेगांव के सभाकक्ष में भावांतर योजना के पंजीयन के लिए आयोजित की जा रही ग्राम सभाओं के नोडल अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भावांतर भुगतान योजना किसानों के लिए फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि भावांतर भुगतान योजना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार की मंशा है कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले। कलेक्टर ने नोडल अधिकारियों से कहा कि शासन द्वारा तुअर, उड़द, मूंग, सोयाबीन, मक्का, मूंगफली, तिल और रामतिल के लिए इस वर्ष से यह योजना लागू की गई है। इन फसलों के लिए किसानों को पंजीयन किया जाना है। उन्होंने कहा कि खरीफ की फसल लगाने वाले कोई भी किसान इस योजना के लाभ से वंचित न रहे। अत: खरीफ फसल लगाने वाले सभी किसानों का पंजीयन करवायें।

कलेक्टर ने कहा कि 12 अक्टूबर को आयोजित होने वाली विशेष ग्राम सभाओं में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के उद्बोधन का प्रसारण प्रात: 11 बजे से किया जायेगा। उन्होंने सभी ग्राम सभा स्थल पर प्रसारण देखने व सुनने के लिए आवश्यक व्यवस्थायें बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिये।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में नोडल अधिकारियों द्वारा भावांतर भुगतान योजना के संबंध में पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दिये गये। एक प्रशिक्षणार्थी द्वारा पूछे गये प्रश्न के जबाव में बताया गया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और भावांतर भुगतान योजना दोनों ही अलग- अलग योजनायें हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का संबंध फसल क्षति होने पर किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाना है और वहीं भावांतर भुगतान योजना का संबंध पैदा हुई फसल का उचित मूल्य दिलाने से है।

अनुविभागीय राजस्व अधिकारी गोटेगांव मो. शाहिद खान ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में नोडल अधिकारियों को भावांतर भुगतान योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पंजीयन के लिए किसान को आधार नम्बर, परिवार की समग्र आईडी, बैंक का खाता नम्बर, आईएफएस कोड, मोबाइल नम्बर, भू- अधिकार ऋण पुस्तिका की स्वप्रमाणित प्रति आदि दस्तावेज देने होंगे।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में तहसीलदार धर्मेन्द्र चौकसे, जनपद पंचायत गोटेगांव के मुख्य कार्यपालन अधिकारी केके रैकवार, सहायक संचालक कृषि अभिषेक दुबे, जिला परियोजना प्रबंधक आजीविका मिशन आरके मालवीय, अन्य अधिकारी और ग्राम सभाओं के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी मौजूद थे।

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