पन्ना- (ईपत्रकार.कॉम) |देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्मदिन के शुभ अवसर पर नगरपालिका परिषद पन्ना एवं शिक्षा विभाग के सौजन्य से शिक्षक दिवस एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यह समारोह डाइट पन्ना में सुश्री कुसुम सिंह मेहदेले मंत्री जेल एवं पीएचई के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा मॉ सरस्वती की प्रतिमा एवं डॉ. राधाकृष्णन जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर किया गया। कार्यक्रम में वर्तमान शिक्षण सत्र में सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों को शॉल एवं श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय परीक्षा परिणाम देने वाली संस्थाओं एवं शिक्षकों को तथा शाला सिद्धि योजना के अन्तर्गत जिला स्तर पर चयनित शालाओं को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि ने सभी सम्मानित शिक्षकों को शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम में मंत्री सुश्री मेहदेले ने कहा कि बच्चों के जीवन में सबसे अधिक प्रभाव शिक्षक का पडता है। इसलिए शिक्षक बच्चों को जैसा बनाना चाहते हैं वैसा आचरण स्वयं में लाएं। विद्यार्थियों में नैतिकता तथा उत्तम चरित्र का विकास कर महान व्यक्तित्व निर्माण की क्षमता शिक्षकों में होती है। उन्होंने सभी शिक्षकों से अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से निभाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा युक्तियुक्तकरण समय पर होना चाहिए। कक्षाओं, विद्यार्थियों के अनुरूप ही शिक्षकों की पदस्थापना करें। उन्होंने कहा कि इस समारोह में सम्मानित हुए शिक्षक अन्य शिक्षकों को भी प्रेरित करने का कार्य करें। कार्यक्रम में जिले की शिक्षा व्यवस्था सुधार हेतु निरंतर प्रयासरत कलेक्टर जे.पी. आईरीन सिंथिया ने अपने विचार रखते हुए कहा कि सभी शिक्षक सम्मान के पात्र होते हैं। उनमें से कुछ शिक्षक सामान्य से हटकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं। ऐसे उल्लेखनीय कार्य करने वाले शिक्षकों के लिए यह समारोह आयोजित किया गया है। शिक्षक बच्चों के लिए जीवंत उदाहरण होते हैं। माता-पिता से भी ज्यादा सम्मान बच्चों के मन में शिक्षकों के प्रति होता है। इसलिए शिक्षक हमेशा बच्चों के सामने अच्छा उदाहरण पेश करें ताकि यह सम्मान जीवन पर्यन्त बना रहे। सिर्फ कक्षा लेकर कोर्स पूरा कराना ही शिक्षकों का दायित्व नही है। इसके अलावा बच्चों के भीतर चारित्रिक एवं नैतिक विकास करना, बच्चों को प्रतियोगी वातावरण के लिए मानसिक रूप से तैयार करना, उन्हें आत्मविश्वासी बनाना, माता-पिता के तरह उनके मनोभावों को समझकर उनसे व्यवहार करना आदि भी शिक्षकों के दायित्व हैं।
कार्यक्रम में नगरपालिका अध्यक्ष श्री मोहनलाल कुशवाहा ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन अपने व्यक्तित्व और कृतित्व के कारण महान बनें। इस वजह से उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक ताउम्र शिक्षक रहता है। उन्होंने सेवानिवृत्त शिक्षकों से सेवानिवृत्ति के बाद भी देश के लिए अध्यापक कार्य जारी रखने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक सदैव विद्यार्थियों और समाज को अपना मार्गदर्शन एवं ज्ञान लाभ देते रहें। कार्यक्रम में जिला पंचायत के उपाध्यक्ष माधवेन्द्र सिंह ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं। गुरू कभी अपने बेटे और शिष्य के बीच भेद नही करता। यह सम्मान समारोह ऐसे शिक्षकों को सम्मानित कर प्रेरणा लेने के लिए आयोजित किया गया है। सेवानिवृत्त शिक्षक श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जीवन तथा व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। जिला परियोजना समन्वयक श्री विष्णु त्रिपाठी ने कार्यक्रम के आयोजन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित वयोवृद्ध शिक्षक श्री देवीदत्त चतुर्वेदी, नगरपालिका उपाध्यक्ष श्रीमती स्नेहलता पारासर, समाज सेवी श्रीमती आशा गुप्ता, जिला शिक्षा अधिकारी के.एस. कुशवाहा, शिक्षकगण तथा शिक्षा विभाग के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।