अल्पवर्षा से हुई नुकसानी का भार किसी भी कृषक पर नहीं आयेगा- मुख्यमंत्री श्री चौहान

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सिवनी- (ईपत्रकार.कॉम) |2022 तक कृषि आय को दुगना करना प्रदेश के किसानों के लिए सिर्फ नारा नहीं रहेगा। प्रदेश सरकार इसके प्रतिबद्ध है। हम निश्चित रूप से प्रदेश में कृषि को लाभ का धन्धा बना के रहेंगे। यह बात प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सिवनी जिले के पलारी (केवलारी) में आयोजित खंड स्तरीय कृषक संगोष्टी सह तकनीकि प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषकों को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज 15 सितंबर को पलारी (केवलारी) पहुंचकर खंड स्तरीय कृषक संगोष्टी सह तकनीकि प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि 15 सितंबर से 15 अक्टूबर के मध्य शासन द्वारा पहली बार प्रदेश के सभी 313 विकासखंडों में कृषक संगोष्टि का आयोजन किया जायेगा। जिसका शुभारंभ आज पलारी, केवलारी से किया जा रहा है। विकासखंड स्तरीय संगोष्टी में कृषि वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों एवं अधिकारियों द्वारा कृषकों के बीच पहुंचकर आधुनिक कृषि तकनीक, मिश्रित कृषि व अन्य उपायों कृषक को बताये जायेंगे। जो कृषि आय बढ़ाने में मदद करें एवं अन्य तकनीकी प्रशिक्षण देकर उनकी आय में बढोत्तरी करने का प्रयास किया जायेगा।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि खेती लाभ का धन्धा तभी बन सकती है जब हम कम लागत में अधिक उत्पादन करें तथा किसान को उसके उत्पादन का सही मूल्य प्राप्त हो। शासन किसानों की हर संभव मदद करने हमेशा तत्पर रही है और हमेशा रहेगी। कृषक प्रदेश की जनता के अन्नदाता हैं और सभी के लिये देवता तुल्य है। कृषकों को शासन द्वारा बिना ब्याज के ऋण, खाद्य -बीज खरीदी में अनुदान, स्वाइल हेल्थ कार्ड के माध्यम से उचित बीज एवं खाद्य की जानकारी उपलब्ध कराने के साथ-साथ उचित मूल्य दिलाने के लिये शासन प्रतिबद्ध है।

11 सितंबर से प्रारंभ हुई भावान्तर योजना के बारे में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने वक्तव्य में बताया कि सम्पूर्ण भारत वर्ष भी पहली बार ऐसी कोई योजना लाई गई है जो कृषक को उसके उत्पादन का उचित मूल्य दिलायेगी। योजनान्तर्गत कृषक को अपना उत्पादन मंडी में बेचना होगा। यदि शासन द्वारा निर्धारित उत्पादन के समर्थन मूल्य से कृषक के उत्पाद का बिक्री मूल्य कम होता है तब अन्तर की राशि सीधे कृषकों के खाते में डाली जायेगी। जिससे मंडी कम दाम होने पर भी कृषक को नुकसानी नहीं सहनी पड़ेगी।

फसल नुकसानी का भार कृषकों पर नहीं आने देगी सरकार
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने वक्तव्य में कहा कि अल्पवर्षा से हुई नुकसानी का भार किसी भी कृषक पर नहीं आयेगा। शासन हर संभव मदद कृषको की करेगी। सभी कृषक आगामी समय में ऐसी फसलों की बुवाई करे कि कम पानी में भी संभव हो सके। सभी सिंचाई विभाग के अधिकारी/ कर्मचारी नहरों माध्यम से उपलब्ध किये जा सकने वाले जल की मात्रा की जानकारी प्रत्येक ग्राम तक पहुंचना सुनिश्चित करें। कृषक किसी एक फसल में पूर्णत: आश्रित न रहे मिश्रित खेती को अपनायें जिससे फसल विशेष की बीमारी, अल्प वर्षा या अन्य नुकसानी का सामना न करना पड़े।

कृषि आधारित उद्योगों को बनाये आधार
उन्होंने कहा कि कृषक पूर्णत: कृषि पर ही निर्भर न रहे। कृषि आधारित उद्योग जैसे दुग्ध उत्पादन, कृषि वानिकी, खाद् प्रसंकरण, मधुमक्खी, मत्स्य पालन जैसी गतिविधियों में भी कृषक भाग ले। जिससे कृषकों की आय में बढ़ोत्तरी होगी। शासन द्वारा प्रत्येक गरीब को पांच दुधारू पशुं मुहैया करवाये जायेंगे। साथ ही तीन माह का पशु आहार भी दिया जायेगा। कृषकों तथा उनके बालक/बालिकाओं को स्वरोजगार मूलक योजनाओं में शासन द्वारा प्राथमिकता देकर अनुदान दिलाया जायेगा।

अविवादित बंटवारा, सीमांकन और निपटारे के संबंध में श्री चौहान ने कहा कि सम्पूर्ण प्रदेश में अभियान के रूप में इस प्रकार के प्रकरणों के निपटारा किया जा रहा है। कृषकों को नामान्तरण प्रपत्र नि:शुल्क घर-घर पहुचाये जा रहे है। 3 माह की अवधि के पश्चात अविवादित बंटवारा व नामान्तरण के प्रकरण लाने वाले व्यक्ति को 1 लाख रूपये ईनाम में दिये जायेंगे। यह राशि संबंधित अधिकारी के वेतन से काटी जायेगी। जिसकी लापरवाही से यह प्रकरण लम्बित रहा है।

कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने उपस्थित कृषकों को संबोधित कर कहा कि यह संगोष्टी संपूर्ण प्रदेश के विकासखंडों में आयोजित की जायेगी। जिसमें कृषि विशेषज्ञों कृषि के जानकारों द्वारा कृषकों के बीच पहुंचकर संगोष्टी के माध्यम से कृषि आय को दुगनी करने का रोड मेप तैयार किया जायेगा। साथ ही अधिक उत्पादकता वाली प्रणाली एवं लागत कम करने वाले यंत्रों को कृषि में शामिल किया जायेगा। शासन द्वारा अनुदान पर कृषि यंत्र सभी किसानों को उपलब्ध करवाये जा रहे है जो कि कृषि की लागत कम करने में सहयोगी होंगे। अब किसान एग्रो लिमिटेड से कृषि यंत्र खरीदने के लिये बाध्य नहीं होगा। कृषक अपनी इच्छा से किसी भी अधिकृत विक्रेता से मानक यंत्र अपने हिस्से की राशि से क्रय कर सकता है। अनुदान की राशि विक्रेता के खाते में शासन द्वारा दी जायेगी।

खंडस्तरीय कृषक संगोष्टी सह तकनीकी प्रशिक्षण शुभारंभ कार्यक्रम में सांसद श्री फग्गनसिंह कुलस्ते, केवलारी विधायक श्री रजनीश ठाकुर, सिवनी विधायक श्री दिनेश राय, बरघाट विधायक श्री कमल मर्सकोले, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मीना बिसेन, नपाध्यक्ष श्रीमती आरती शुक्ला, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री चन्द्रशेखर चतुर्वेदी के साथ-ही साथ अन्य जनप्रतिनिधि, कृषि वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों एवं बहुतायत कृषकों की उपस्थिति रही।

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