स्कूली विद्यार्थियों का वनों के संवर्धन और संरक्षण के प्रति सह जागरूकता प्रशिक्षण अभियान “अनुभूति कार्यक्रम वर्ष 2018-19”

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सिवनी  – ईपत्रकार.कॉम |मध्यप्रदेश शासन वन विभाग एवं मध्यप्रदेश ईको पर्यटन विकास बोर्ड का अभिनव प्रयास – विद्यार्थी ही भविष्य के नागरिक होंगे। हमें तपने, तपाने की आवश्यकता क्यों। कच्चे लोहे को फौलाद बनाने की जरूरत क्यों। चुकि चारो ओर पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है और प्रकृति में वन संकटा स्थिति में पहुचने की कगार में है। जिससे मानव जीवन संकट की स्थिति में है। हमें जीवन में विनाश नही सृजन चाहिए। स्कूली विद्यार्थी ही वनों के विकास के अंतिम कड़ी साबित होंगे। इसी उद्देश्य को लेकर वन विभाग सिवनी के उत्तर सिवनी वनमण्डल सिवनी के मुख्य वन संरक्षक श्री शशि मलिक के मार्गदर्शन एवं उत्तर सिवनी वनमण्डल अधिकारी श्री गौरव चौधरी के निर्देशन में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूली विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष रूप से वनों में ले जाकर प्रकृति दर्शन एवं प्रकृति संरक्षण और वनों के विकास के लिए उत्तर सिवनी वनमण्डल सिवनी के छः वन परिक्षेत्रों में अनुभूति केम्प का प्रथम आयोजन वन परिक्षेत्र कहानी (सा.) के ग्राम रिछारिया में किया गया। द्वितीय केम्प वन परिक्षेत्र धूमा (सा.) के बंजारी में, तृतीय केम्प वन परिक्षेत्र घंसौर (सा.) के बिनौरी जीवाश्म पार्क में, चतुर्थ केम्प वन परिक्षेत्र लखनादौन (सा.) के प्राकृतिक गुफा मठघोघरा से लगे वनों में एवं पंचम केम्प वन परिक्षेत्र छपारा (सा) के भीमगढ़ में अब तक सम्पन्न हुये है।

स्कूली विद्यार्थियों को वनों तक निःशुल्क ले जाकर इन्हें स्वलपाहार दिया जाता है। फिर मास्टर ट्रेनरों के द्वारा इन्हें मध्यप्रदेश ईको पर्यटन विकास बोर्ड के द्वारा मुद्रित एक बुकलेट एवं कैप (टोपी) प्रदान की जाती है। जिसमें वन एवं वनों से संबंधित जीवजन्तु एवं वनस्पति के रंगीन चित्रों के साथ जानकारी उपलब्ध है। मास्टर ट्रेनर एम.एस. खान एवं शिवानी बघेल के द्वारा बच्चों को प्रशिक्षण के दौरान जंगल कैसे जीता है, जैवविविधता क्या है। पेड़ पौधों का मानव जीवन में क्या योगदान है, ऑक्सीजन का मुख्य स्रोत क्या है, पेड़ पौधें भोजन किस विधि से बनाते है। प्रकृति में भू-क्षरण को रोकना, जल का संवर्धन कैसे किया जाता है और वन अपराध क्या है, वन अधिनियम क्या है, वन विभाग क्या है और इस विभाग के साथ प्रकृति में आपका क्या योगदान होगा, इन्ही सब बातों का प्रशिक्षण बहुत ही सूक्ष्म विशलेषण के साथ स्कूली विद्यार्थियों को बताया जाता है। भोजन उपरांत एक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम भी सम्पन्न होता है। जिसमें प्रशिक्षण के दौरान बतायी गयी सारी बातों से ही प्रशन किया गया जाता है, जो विद्यार्थी सही जबाव देते है उन्हें पुरूस्कार देकर सम्मानित किया जाता हैं। मास्टर ट्रेनरों के अलावा उच्च वन अधिकारियों की भी प्रत्यक्ष अहम भूमिका होती है। जिसमें मुख्य वनसंरक्षक श्री शशि मलिक ने बच्चों को पशु अवरोधक दीवार, कन्टूर ट्रेंच सी.पी.टी., बागड़, चैनलिंक फैंसिंग के द्वारा मवेशियों का जंगल में प्रवेष रोकने से पुनरूत्पादन का महत्व बताया। वहीं दूसरी ओर वनमण्डलाधिकारी श्री गौरव चौधरी ने ह्यूमस फॉरमेशन वनों में किस तरह पत्ते सढ़ते है और फोम बनाकर वर्षा जल को रोकते है जिससे पानी का बहाव एवं मृदा संरक्षण किस प्रकार होता है, यह समझाया गया।

उपवनमण्डल अधिकारी श्री सिद्धार्थ गुप्ता, श्री गोपालसिंह, श्री योगेश पटेल एवं श्री प्रशांत साकरे सहित सभी वन परिक्षेत्र अधिकारी श्री माधवराव उइकें, र्कीति मरकाम, श्री सुभाशचंद्र तिवारी, श्रीमति शैलजा ठाकुर, श्री रामजी शर्मा एवं श्री मनीराम उइकें सहित अनेको गणमान्य नागरिक इस कार्यक्रम में उपस्थित रहें और सभी ने अपने उद्गार में कहा – वन बचाओं, जीवन बचाओं। बच्चें ही देश का भविष्य है। वन है तो जीवन है।

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