आगामी माहों की आवश्यकताओं को देखते हुए पेयजल व्यवस्था बनाई जाये- प्रभारी मंत्री श्री सिंह

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नरसिंहपुर – (ईपत्रकार.कॉम) |जिले के प्रवास पर आये प्रदेश के लोक निर्माण, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह ने नगर परिषद तेंदूखेड़ा के सभाकक्ष में जिला स्तरीय सूखा एवं आपदा प्रबंधन समिति की बैठक लेकर वर्षा की स्थिति, फसलों की स्थिति, सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता और पेयजल व्यवस्था आदि की समीक्षा की।

बैठक में प्रभारी मंत्री ने कहा कि आगामी माहों की आवश्यकताओं को देखते हुए पेयजल व्यवस्था के लिए आवश्यक प्रबंध किये जायें, जिससे भविष्य में ग्रामीण आबादी को पेयजल की दिक्कत न हो। उन्होंने जल संचय के लिए बहते नदी- नालों को रोकने के लिए गांव- गांव में बोरी बंधान बनाने के निर्देश दिये।

प्रभारी मंत्री श्री सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी के अधिकारियों को सूचित किया जाये, जिससे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ प्रभावित किसानों को मिल सके। उन्होंने राजस्व और कृषि विभाग द्वारा संयुक्त रूप से सर्वे करने के निर्देश दिये। फसल कटाई प्रयोग का कार्य शीघ्रता से किया जाये। उन्होंने कहा कि जिले के किसानों को आगामी रबी सीजन में कम पानी की फसलें लेने के लिए जागरूक किया जाये। गेंहूं की असंचित व अद्र्धसिंचित प्रजातियां लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाये। चना, मसूर और सरसो की बोवनी करने की किसानों को सलाह दी जाये। बैठक में सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता की समीक्षा की गई।

बैठक में विधायक श्री संजय शर्मा व श्री गोविंद सिंह पटैल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री संदीप पटैल, अपैक्स बैंक के पूर्व उपाध्यक्ष श्री कैलाश सोनी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र फौजदार, अध्यक्ष नगर परिषद तेंदूखेड़ा श्रीमती माया कमलेश पुजारी, अध्यक्ष जनपद पंचायत चांवरपाठा श्रीमती रामवती शंकर पटैल, कलेक्टर डॉ. आरआर भोंसले, पुलिस अधीक्षक डॉ. मोनिका शुक्ला, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जे समीर लकरा, अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण मौजूद थे।

बैठक में कलेक्टर ने बताया कि जिले में इस वर्ष अब तक 660 मिमी वर्षा हुई है। जबकि इस अवधि में सामान्य वर्षा का आंकड़ा 1073 मिमी है। इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में 413 मिमी कम वर्षा हुई है, जिसका फसलों पर बुरा प्रभाव पड़ा है। कलेक्टर ने बताया कि जिला सूखा मैन्युअल के अनुसार न्यून श्रेणी में आता है। जल भंडारण में 70 से 80 प्रतिशत की कमी है, जो सूखा राहत मैन्युअल के अनुसार चरम कमी में आता है।

बैठक में उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले में सोयाबीन की फसल पीला मोजेक के कारण प्रभावित हुई है। कम वर्षा के कारण उड़द, धान और गन्ने की फसल को भी क्षति पहुंची है। उन्होंने बताया कि खरीफ सीजन में 55 हजार 676 कृषकों का फसल बीमा किया गया है। इस वर्ष खरीफ मौसम में एक लाख 89 हजार 200 हेक्टर में बोवनी हुई है, जिसमें धान 46 हजार 500 हेक्टर में, अरहर 62 हजार 500 हेक्टर में, मूंग 8 हजार 500 हेक्टर में, उड़द 31 हजार 500 हेक्टर में, सोयाबीन 32 हजार 500 हेक्टर में और अन्य फसलें 7 हजार 700 हेक्टर में बोई गई हैं।

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