बालाघाट जिले में पर्यटन एवं उससे रोजगार सृजन की बहुत संभावनायें है-कृषि मंत्री श्री बिसेन

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बालाघाट – ईपत्रकार.कॉम |विशेष पर्यटन अभियान के अंतर्गत जिले में पर्यटन को प्रोत्साहन देने एवं पर्यटन के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार के अवसर सुलभ कराने के लिए 25 अक्टूबर 2017 को मोती तालाब बालाघाट में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। मध्यप्रदेश शासन के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस कार्यक्रम में सांसद श्री बोधसिंह भगत विशिष्ट अतिथि थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रेखा बिसेन ने की। कार्यक्रम में कलेक्टर श्री डी व्ही सिंह, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती मंजूषा विक्रांत राय, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्री अनिल धुवारे, श्रीमती लता एलकर, जिला पंचायत के सदस्य श्री झामसिंह नागेश्वर, श्री राहुल बिसेन, अन्य गणमान्य नागरिक एवं अधिकारी गण उपस्थित थे।

कृषि मंत्री श्री बिसेन ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि बालाघाट जिले में पर्यटन एवं उससे रोजगार सृजन की बहुत संभावनायें है। जिले में घने वनों के साथ ही पर्यटन के लिए प्राकृतिक स्थल है। इसके लिए अधोसंरचना विकास एवं सुविधाओं के विस्तार की आवश्यकता है। प्रदेश सरकार पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक कदम उठा रही है।

सांसद श्री बोधसिंह भगत ने अपने संबोधन में कहा कि जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ऐतिहासिक एवं पुरातत्व महत्व के स्थलों को ‍चिन्हित कर वहां तक आवागमन एवं ठहरने आदि की सुविधाओं पर ध्यान देने की जरूरत है। बालाघाट जिले के बुनकरों एवं कलाकारों को प्रोत्साहित करना होगा और उनके लिए बाजार भी उपलब्ध कराना होगा।

मोती तालाब परिसर में खुले में आयोजित इस कार्यक्रम में जिले के हस्तशिल्प एवं कृषि उत्पादों को विक्रय व प्रदर्शन के लिए रखा गया था। इस कार्यक्रम में जिले के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रम में वारासिवनी व मेंहदीवाड़ा के बुनकरों द्वारा हाथकरघा पर तैयार रेशम व काटन की साड़ियां व कपडे़ प्रदर्शन के लिए रखे गये थे। इस दौरान 6 हजार रुपये के हाथकरघा वस्त्रों की बिक्री भी हो गई।

कार्यक्रम में कटंगी विकासखंड के ग्राम कटेरा के कुम्हार मुरलीधर टेरेंडे मिट्टी से तैयार की सजावट की आकर्षक सामग्री लेकर आये थे। पूरी तरह से मिट्टी से तैयार की गई उसकी सामग्री को बहुत पसंद किया गया। इस कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किये गये अगरबत्ती, औषधियां, गुड़, जैविक पद्धति से तैयार जयश्री चावल बिक्री के लिए लाया गया था।

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