उद्यानिकी विभाग मसालों की खेती को प्रोत्साहित करें, विधानसभा की कृषि समिति ने की कृषि व अन्य विभागों की समीक्षा बैठक

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होशंगाबाद- (ईपत्रकार.कॉम) |मध्यप्रदेश विधानसभा की कृषि समिति होशंगाबाद जिले के भम्रण व निरीक्षण पर आयी हुई है। कृषि समिति ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में किसान कल्याण व कृषि विकास विभाग, उद्यानिकी, वन विभाग, जिला मत्स्य विभाग की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। कृषि समिति के सभापति श्री केदारनाथ शुक्ल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में श्री शुक्ल ने वन विभाग व कृषि विभाग को तालमेल बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सफेद मूसली व शतावर के वृक्ष लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाये। वन विभाग कंदों की खेती को प्रोत्साहित करे और इस क्षेत्र में नवाचार करे। उन्होंने कहा कि लघुवन उपज पर नियंत्रण रखने के लिए वन विभाग योजनाएं बनाए। उन्होंने कहा कि जंगलों से तेजी से लघुवन उपज समाप्त हो रहा है। श्री शुक्ल ने कहा कि यद्यपि वन विभाग बहुत सी नर्सरियां संचालित कर रहा है इन नर्सरियों में अनेक दुर्लभ पौधे भी है जो कही अन्य देखने को नहीं मिलते है। वन मंडलाधिकारी ने बताया कि गत 2 जुलाई को लगभग 26 लाख पौधे वन विभाग द्वारा लगाएं गए है। हरदा में बांस की एक प्रजाति बबुंशा लगाने का कार्य प्रगति पर है। आने वाले समय में यह बंपर उत्पादन देगा। सभापति श्री शुक्ल ने उद्यानिकी विभाग की समीक्षा के दौरान जिला उद्यानिकी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे किसानों को मसाला की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करें। किसानों को परम्परागत फसल की बजाए सब्जी, मसाला, फल की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

सभापति श्री शुक्ल ने कृषि विभाग व आत्मा परियोजना की समीक्षा की और कहा कि जब भी आत्मा द्वारा किसानों के लिए कोई प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाता है तो इसमें अनिवार्य रूप से स्थानीय जनप्रतिनिधियों को बुलाया जाए। उन्होंने आत्मा परियोजना के कार्य पर असंतोष प्रकट किया और कहा कि परियोजना किसानों के हित में ठीक से कार्य करें। इसके पूर्व आत्मा संचालक श्री एम.एल. दिलवारिया ने बताया था कि इस बजट सत्र में किसानों को 12 स्थानों का भम्रण कराया गया था एवं उनके लिए 15 प्रशिक्षण आयोजित किए गए है। किसान कल्याण व कृषि विकास विभाग के संयुक्त संचालक श्री बी.एल बिलैया ने बताया कि जिले में नवाचार किया गया है। पूर्व में संभाग में सोयाबीन की खेती की जाती थी किंतु अब किसान सोयाबीन की अपेक्षा धान व मूंग की खेती की और आकृष्ट हुए है। सोयाबीन का 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर का रकबा धान में कन्वर्ट हुआ है। गेंहू में भी उत्पादकता बढी है। पहले एक हेक्टेयर में 24 क्विंटल गेहूं होता था अब बढ़कर यह 44 क्विंटल हो गया है। सोयाबीन पर हेक्टेयर 75 क्विंटल तक हो जाता है। जैविक खेती की और भी किसान धीरे-धीरे सहमत हो रहें हैं। हरदा के 5 होशंगाबाद के 5 तथा बैतूल के 3 किसान पूर्णत: जैविक खेती कर रहे है। जैविक खेती में बायो उर्वरक का प्रयोग भी बढ़ रहा है। उपसंचालक जितेन्द्र सिंह ने बताया कि केसला विकासखण्ड के 1 हजार किसानों ने जैविक खेती के लिए रजिस्ट्रेशन किया है।

सभापति श्री शुक्ल ने कहा कि कृषि विभाग के मार्ग दर्शन एवं किसानों की मेहनत से म.प्र. को 5 बार कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त हुआ है। श्री शुक्ल ने पशुपालन विभाग की भी समीक्षा की, उन्होंने सड़क पर आवारा छोड़ दिए गए पशुओं का उचित निराकरण करने के निर्देश विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि यदि आवारा पशुओं का नियंत्रण करना है तो किसानों को गोबर गैस बनाने की सीख देनी होगी तभी आवारा पशुओं पर नियंत्रण कर पाएगें।

बैठक में समिति के सदस्य श्री नारायण सिंह कुशवाह, कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया तथा परामर्श मंडल के सदस्य डॉ. एस.पी. मिश्रा, श्री रघुराज किशोर तिवारी, श्री अर्जुन प्रसाद मिश्रा, श्री एस.एस. द्विवेदी, श्रीमती संध्या थापक, श्री पियूष शर्मा, श्री रामस्वरूप यादव और श्री घासीराम पटेल मौजूद थे। बैठक में विधानसभा सचिवालय के अधिकारी श्री एस.एन.गौर, श्रीमती जयवंतीराम हरिया, श्री एन.के.हिमथानी, आकांक्षा थापक, डॉ. सत्यनारायण गर्ग, रामपति मिश्रा व श्री संतोष तिवारी मौजूद थे।

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