कारावास पाप भोगने का स्थान नही है, बल्कि प्रायश्चित करने स्थान है-जिला न्यायाधीश

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अशोकनगर  – ईपत्रकार.कॉम |जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अशोकनगर श्री वी.एस.पाटीदार, द्वारा जिला जेल का निरीक्षण किया गया। तदोपरांत न्‍यायाधीश की अध्‍यक्षता में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश द्वारा उपस्थित दंडित एवं विचाराधीन बंदियों को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं नशा पीड़ितो को विधिक सेवाएं एवं नशा उन्मूलन के लिए योजना 2015 एवं तस्करी और वाणिज्यिक यौन शोषण पीड़ितों के लिए विधिक साक्षरता योजना 2015 के प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुये उपस्थित बंदियों से समस्त प्रकार के नशा, व्यसन संबंधी बुराईयों से दूर रहने अपेक्षा की एवं उन्हें कारावास की समाप्ति के उपरांत समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की प्रेरणा दी।

इस अवसर पर श्री ए.के.मिश्र,सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने राष्ट्रीय एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित निःशुल्क विधिक सलाह/सहायता योजना के संबंध मे बंदियों को अवगत कराया। श्री आत्माराम टांक, ट्रेनी ए.डी.जे., श्री उमाशंकर कुम्हार, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोकनगर एवं श्री वीरेद्र कुमार चड़ार जिला विधिक सहायता अधिकारी, श्री आर.आर.सिंह जेल अधीक्षक उपस्थित थे।
जिला जेल का निरीक्षण

जिला न्यायाधीश ने जेल निरीक्षण के दौरान बंदियों के भोजन, पानी, स्वास्थ्य संबंधी हाल जाना। साथ ही प्रत्येक बैरक मे जाकर बंदियो सें निःशुल्क विधिक सहायता के संबंध मे जानकारी ली एवं उनकी समस्याओं के निराकरण के संबंध मे जेल अधीक्षक को आवश्‍यक निर्देश दिये।

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