मनुष्य को ऐसा व्यवहार करना चाहिये जैसा कि वह स्वयं के लिये चाहता है-ए.के.सिंह

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सतना – (ईपत्रकार.कॉम) |म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेशानुसार तथा जिला न्यायाधीश डी.एन.शुक्ला के मार्गदर्षन में म.प्र. मानव अधिकार आयोग की स्थापना दिवस के अवसर पर बुधवार को प्रातः 10 बजे केन्द्रीय जेल सतना का निरीक्षण किया गया तथा सायं 5 बजे अधिवक्ता संघ के सभागार मे मानव अधिकार एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया है।

म.प्र. मानव अधिकार आयोग की स्थापना दिवस के अवसर पर मनाये जाने वाले कार्यक्रमो की श्रृंखला मे 13 सितम्बर को प्रातः 10 बजे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती दीपिका मालवीय, व्यवहार न्यायाधीश आदेश कुमार मालवीय, रजिस्ट्रार और सचिव सुधीर सिंह ठाकुर, जिला विधिक सहायता अधिकारी राजेन्द्र सिंह बघेल और सामाजिक कार्यकर्त्ता डॉ. विद्या पाण्डेय ने केन्द्रीय जेल सतना का भ्रमण निरीक्षण किया। इस दौरान केन्द्र जेल सतना के अभिलेख अनुसार कुल 1245 बंदी जिनमे सजायाफ्ता 967, विचाराधीन 320 और 9 बच्चे पाये गये। न्यायाधीशगणो द्वारा बंदियो से मुलाकात कर समस्याओ की जानकारी ली गई तथा विधिक सहायता योजना और प्लीवार्गेनिंग के संबंध में कानूनी जानकारी दी गई।

म.प्र. मानव अधिकार आयोग की स्थापना दिवस के अवसर पर सायं 5 बजे अधिवक्ता संघ के सभागार मे मानव अधिकार एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय ए.के.सिंह ने कहा कि मानव अधिकार की सबसे अच्छी परिभाषा यही है कि मनुष्य को ऐसा व्यवहार करना चाहिये जैसा कि वह स्वयं के लिये चाहता है। किसी के अधिकारो का हनन नही करना चाहिये। अधिकारो के साथ कर्तव्यो का भी पालन किया जाना चाहिये। संगोष्ठी को जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष नारायण गौतम ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के अंत मे जिला विधिक सहायता अधिकारी राजेन्द्र सिंह बघेल द्वारा आभार व्यक्त किया गया है।

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