मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना का का प्रभावी क्रियान्वयन करे श्री चौधरी

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धार  – ईपत्रकार.कॉम |राज्य शासन द्वारा लागू की गई मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना का जिले में प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करे । इसमें लापरवाही बर्दास्त नही होगी। इस योजना के अंतर्गत सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा राष्ट्रीयकृत बैंक से फसल ऋण प्राप्त करने वाले किसानों को अधिकतम 2 लाख रूपये की समीक्षा तक पात्रता अनुसार किसानों को लाभ दिया जाए।

यह निर्देश प्रभारी कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री आर के चौधरी ने मंगलवार को यहॉ जिला पंचायत सभाकक्ष मे मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना के क्रियान्वयन के संबध में आयोजित बैठक में दिये।

श्री चौधरी ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत 21 मार्च 2018 की स्थिति में किसान के नियमित ऋण खाते में ऋणप्रदाता संस्था द्वारा प्रदय फसल ऋण की बकाया राशि के रूप में दर्ज है, 12 दिसम्बर 2018 तक पूर्णतः अथाव आंशिक रूप से पटा दिया है उन्हे भी योजना का लाभ दिया जाए। 1 अप्रैल 2007 को अथवा उसके उपरांत ऋण प्रदाता संस्था से लिया गया फसल ऋण जो 31 मार्च 2018 की स्थिति सहकारी बैंको के लिए कालातीत अथवा अन्य ऋण प्रदाता बैंको के लिए Non performing Aesset (गैर निष्पादन आस्तियॉ) घोषित किया गया हो, उन्हे भी योजना का लाभ दिया जाए।

श्री चौधरी ने बताया कि ऋण प्रदाता संस्था के प्रबंधक के हस्ताक्षर से किसान को जारी किया जाने वाला समायोजित फसल ऋण खाता का ऋण मुक्ति प्रमाण-पत्र तथा नियमित रूप से फसल ऋण चुकाने वाले किसानो को सम्मान पत्र प्रदाय किया जावेगा। मध्यप्रदेश में निवास करने वाले किसान जिनकी कृषि भूमि मध्यप्रदेश में में स्थित हो एवं उनके द्वारा मध्यप्रदेश स्थित ऋण प्रदाता संस्था की बैंक शाखा से अल्पकालीन फसल ऋण लिया गया हो, योजना के लिए पत्र होगा। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा प्रदत्त अल्पकालीन फसल ऋण भी योजना में शामिल रहेगे। ऐसा किसान जिसके फसली ऋण को रिजर्व बैंक/नाबार्ड के दिशा निर्देशा के अनुसार प्राकृतिक आपदाओं के होने के कारण पुर्नरचना कर दी गई हो, योजना में पत्रा होगा।

कम्पनियों या अन्य कार्पोरेट संस्थाओं द्वारा किसानों को प्रत्याभूत ऋण, जो भले ही ऋण प्रदाता संस्थाओं द्वारा वितरित किया गया हो। किसानों के समूह द्वारा लिया गया, फसल ऋण फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी अथवा फार्मर प्रोड्यूसर संस्था (FPO) द्वारा लिया गया फसल ऋण, सोना गिरवी रख प्राप्त किया गया कोई भी ऋण शामिल नही होंगे। योजनान्तर्गत डायरेक्ट बेनिफेट ट्रांसफर DBT से राज्य के कोश से राशि पात्र किसानों के फसल ऋण खाते में जमा कराई जाएगी। अतः योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को फसल ऋण खातों में आधार नंबर सीडिंग एवं अभिप्रमाणित कराया जाना आवश्वक होगा। जिन किसानों के फसल ऋण खाते में आधार नम्बर सीडिंग नही है, को इस प्रयोजन के लिए एक अवसर प्रदान किया जावेगा। रिजर्व बैंक के मानकों के अनुरूप गैर-निष्पादित आस्तियों (NPA) के रूप में 31 मार्च 2018 तक वर्गीकृत फसल ऋण योजनांतर्गत मान्य होंगें, यदि उक्त फसल ऋण 1 अप्रैल 2007 अथवा उसके उपरांत ऋण प्रदाता संस्था से प्राप्त किया गया हो। सहकारी बैंकों (तथा PACS) से 1 अप्रैल 2007 या उसके उपरांत लिया गया फसल ऋण जो 31 मार्च 2018 को कालातीत ऋण के रूप में दर्ज हो, योजनान्तर्गत पात्र होगा। पात्र किसानों के फसल ऋण खाते में योजनान्तर्गत पात्रता अनुसार राशि जमा कराई जावेगी। लघु एवं सीमांत किसरनों को प्राथमिकता प्रदान की जावेगी।

इस योजना अन्तर्गत विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगरपालिका, नगर पंचायत के अध्यक्ष, कृषि उपज मण्डी के अध्यक्ष, सहकारी बैंकों के अध्यक्ष, केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा गठित निगम मण्डल अथ्वा बोर्ड के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, आयकर दाता, केन्द्र तथा राज्य शासन के शासकीय अधिकारी-कर्मचारी तथा इनके निगम मण्डल, अर्धशासकीय संस्थाओं में कार्यरत् अधिकारी-कर्मचारी (चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों को छोड़कर), 15 हजार रूपये प्रतिमाह या उससे अधिक पेंशन प्राप्तकर्ता (भूतपूर्व सैनिकों को छोड़कर), जी.एस.टी. में 12 दिसम्बर 2018 या उससे पूर्व पंजीकृत व्यक्ति, फर्म, फर्म के संचालक, फर्म के भागीदार निरर्हत/अपात्र रहेंगे। इस बैठक में मुख्यमंत्री ऋण माफी योजना के लिए जारी दिशा-निर्देशों की विस्तृत जानकारी दी गई।

इस बैठक में अपर कलेक्टर श्री दिलीप कापसे, उप संचालक कृषि श्री आर.एल. जामरे, उप संचालक उद्यानिकी श्री के.एस. मण्डलोई, उपायुक्त सहकारिता श्री अंबरीष वैद्य, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक श्री वसूनिया, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सर्वश्री वीरेन्द्र कटारे, सत्यनारायण दर्रो, बी.एस. सोलंकी, प्रतापसिंह चौहान, डिप्टी कलेक्टर सुश्री दिव्या पटेल, अग्रणी बैंक प्रबंधक श्री आनंद प्रकाश सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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