सभी राजस्व प्रकरण 1 माह के अंदर आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर दर्ज हो जायें – मुख्य सचिव

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प्रदेश के मुख्य सचिव श्री बसंत प्रताप सिंह ने आज होशंगाबाद में राजस्व विभाग की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक लेकर राजस्व विभाग की संभागीय समीक्षा बैठक ली। साथ ही संभाग के उपस्थित राजस्व अधिकारियों को अद्यतन दिशा निर्देश दिये। मुख्य सचिव ने राजस्व कार्यों के अतिरिक्त राजस्व प्रशासकीय ईकाईयों, राजस्व अमले के स्वीकृत भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी, आर.सी.एम.एस में राज्य में नर्मदापुरम् संभाग की स्थिति, आर.सी.एम.एस. के मासिक संभागीय पत्रक, मासिक सीमांकन पत्रक, मासिक डायवर्सन, मासिक नामांतरण, वसूली, बंटवारा, न्यायालयों में प्रकरणों की स्थिति, सी.एम. हेल्पलाईन में लंबित शिकायतों की स्थिति भू-अर्जन प्रकरणों का निराकरण एवं मुआवजा वितरण, प्राकृतिक आपदा के लंबित प्रकरण एवं राहत राशि का वितरण, आवासीय योजना हेतु शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में भूमि आवंटन के प्रकरण आबादी घोषित किए जाने के प्रकरण एवं नर्मदापुरम संभाग के सभी जिलों में संपादित क्रियान्वयन की समीक्षा की।

मुख्य सचिव श्री सिंह ने बैठक में सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे एक माह के अंदर आर.सी.एम.एस पोर्टल पर सभी राजस्व प्रकरण को दर्ज करें। कोई भी 5 वर्ष से अधिक का राजस्व प्रकरण लंबित नहीं रहना चाहिए। मुख्य सचिव ने कहा कि वर्षाकाल में भी सीमांकन के कार्य जारी रखें जाए उन्होने 2 माह बद पुन: राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा करने की बात कही। मुख्य सचिव ने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे आम जनता से जीवंत संपर्क बनाकर रखे, निरंतर भ्रमण करे और राजस्व वसूली की कार्यवाही में तेजी दिखाएं। मुख्य सचिव ने कहा कि राजस्व विभाग का कार्य जनता की कठिनाई दूर करने वाला होना चाहिए। उन्होने कहा कि राजस्व की मशीनरी अपनी ताकत को पहचाने क्योकि हम वो कार्य नहीं कर पा रहे है जो हमें करना चाहिए था। उन्होनें इसके लिये छोटे-छोटे कदम उठाकर जनता के बीच विश्वास पैदा करने की हिदायत दी। बैठक में मुख्य सचिव श्री सिंह ने कहा कि राजस्व विभाग पक्षकार की कठिनाई दूर करने का माध्यम बने। उन्होने तेजी से प्रकरण खत्म करने की प्रवृत्ति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पक्षकार को सुनवाई का पूरा मौका दिया जाना चाहिए। प्रकरण जल्द खत्म कर उसकी गुणवत्ता को कम नहीं किया जाना चाहिए। उन्होनें नायब तहसीलदार से एस.डी.एम. को एल.सी.आर. प्राप्त न होने को गम्भीरता से लेते हुए कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होनें कहा कि में 2 माह बाद पुन: आऊंगा तो यह स्थिति सुधरनी चाहिए। उन्होनें सभी राजस्व अधिकारियों को कहा कि वे जमीन का सीमांकन टी.एस.एम. मशीन से करें और सभी अधिकारी मशीन चलाने में ट्रेड हो, उन्होनें बारिश में टी.एस.एम मशीन से सीमांकन करने के निर्देश दिये। मुख्य सचिव ने कहा कि जो सीमांकन के आवेदन पहले आते हैं उसका निराकरण पहले कर दिया जाये। उन्होनें कहा कि जैसे मतदाता सूची से मृतक के नाम काट दिए जाते है वैसी ही राजस्व रिकार्ड में भी मृतक से संबंधित जानकारी रखी जाएं। उन्होने कहा कि डायवर्सन में अर्थदण्ड की राशि की शतप्रतिशत की वसूली हो। मुख्य सचिव ने सभी राजस्व अधिकारियों से कहा कि वे ग्राम पंचायतों में जाकर बी-1 का वाचन करें, सी.एम. हेल्पलाईन के प्रकरण प्राथमिकता से निराकृत किये जाएं। राजस्व के सभी प्रकरण रजिस्ट्रर्ड किये जाएं।

सचिव लोकसेवा आयोग श्री हरिरंजन राव ने बैठक में सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने न्यायालय में प्रकरणों का निराकरण तेजी से करें। उन्होने बताया कि अब कोई भी आनलाईन प्रकरण दर्ज करवा सकता है। उन्होनें सभी कलेक्टर्स से कहा कि वे जो भी केस दर्ज कर रहे हैं उसे आर.सी.एम.एस. के पोर्टल में भी दर्ज करें। कोई भी अविवादित नामांतरण का प्रकरण शेष न रहे। उन्होने 2 माह में शेष रिक्त पदों की पूर्ति करने की बात कही। सचिव राजस्व विभाग श्री पी.नरहरि ने सी.एम. डेस्क बोर्ड की जानकारी दी। उन्होनें आर.सी.एम.एस. भाग-2 में 146 प्रकार के प्रकरणों की जानकारी दी। उन्होनें आर.सी.एम.एस. साफ्टवेयर के अधिकतम उपयोग करने के निर्देश दिये।

नर्मदापुरम संभाग कमिश्नर श्री उमाकांत उमराव ने बताया कि चालू राजस्व वर्ष में गत माह तक पंजीकृत प्रकरणों की संख्या 40 हजार 389 है। इसमें निराकरण का प्रतिशत अच्छा है। राजस्व प्ररकणों के निराकरण की स्थिति बहुत अच्छी है। राजस्व प्रकरणों के गुणवत्ता पूर्व निराकरण हेतु विशेष पहल की गई है, जिसके अंतर्गत प्रवाचकों को प्रशिक्षण दिया गया है। साथ ही आफिस कानूनगो एवं डब्लू.बी.एन का प्रशिक्षण, प्रभारी तहसीलदार के रूप में पदस्थ राजस्व निरीक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा म.प्र. साहूकारी अधिनियम 1934 के अंतर्गत भी प्रभावी कार्यवाही की गई है।

संभागीय समीक्षा बैठक में कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया, बैतूल कलेक्टर श्री शशांक मिश्रा, हरदा कलेक्टर श्री अनय द्विवेदी ने अपने-अपने जिले के राजस्व प्रकरणों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। संभाग के सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारी, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों ने भी राजस्व प्रकरणों की जानकारी दी।

इसके पूर्व मुख्य सचिव श्री बी.पी.सिंह ने तहसीलदार कार्यालय, अपर कलेक्टर कोर्ट, रिकार्ड रूम, हिन्दी व अंग्रेजी अभिलेखागार, का अवलोकन किया। मुख्य सचिव ने होशंगाबाद में ब्रिटिश शासन काल के केसों का अवलोकन किया और कहा कि होशंगाबाद में पुराने रिकार्डों के रखरखाव की स्थिति उत्तम है।

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